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Haryana: हरियाणा के शिक्षण संस्थानों में भी सुरक्षित नहीं बेटियां? आप प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने खट्टर सरकार पर साधा निशाना

• LAST UPDATED : January 11, 2024

India News (इंडिया न्यूज़), Haryana:  आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता द्वारा शिक्षण संस्थानों में बेटियों की सुरक्षा को लेकर खट्टर सरकार को घेरे में लिया गया। उनका कहना था कि BJP सरकार के राज के चलते हरियाणा के शिक्षण संस्थानों में भी बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। हरियाणा के शिक्षण संस्थानों से लगातार बेटियों के साथ हो रही उत्पीड़न के केस सामने आते रहते हैं। पहले जींद, फिर कैथल, उसके बाद सिरसा तथा अब रोहतक में छात्राओं द्वारा साहस दिखा अपने साथ हो रहे शोषण पर आवाज़ उठाई जा ही है। उन्होंने आगे बताया कि यहीं बताता है कि बेटियों की सुनवाई कहीं भी नहीं हो रही है। वहीं अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। उनका कहना है कि विधानसभा में भी CM खट्टर तथा सत्ता पक्ष के नेता का कहना हैं कि पिछली सरकारों में भी ऐसा हुआ, परंतु जिम्मेदारी के साथ दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जी रही है।

शिकायत करने पर भी नहीं हुआ एक्शन

इसके आगे उन्होंने बताया कि रोहतक क्षेत्र के एक गवर्नमेंट गर्ल्स स्कूल की छात्राओं ने खट्टर सरकार के बेटी पढ़ाने और बेटी बचाने के दावों की पोल खोलते हुए एक गुमनाम चिट्ठी लिखी है। छात्राओं द्वारा चिट्ठी के जरिए से अध्यापकों एवं मैडम पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसमें उन्होंने साफ बताया है कि कैसे स्कूल का माहौल खराब करा जा रहा है। कैसे एक मैडम स्कूल में छोटे कपड़े पहनकर आती है तथा एक मैडम तो छात्राओं के सामने दूसरे स्कूल के अध्यापक से स्पीकर पर अश्लील बातें करती है। वहीं जब छात्राओं ने इसपर एतराज जताया तो छात्राओं को ही धमका कर चुप कराया गया और जब छात्राओं द्वारा शिकायत की गई तो उस पर कोई कारवाई नहीं हुई।

उनका कहना है कि ऐसा ही एक अन्य मामला भी जींद में सामने आया था। जिसमें हार कर छात्राओं द्वारा गुमनाम चिट्ठी के जरिए अपने साथ हो रहे शोषण पर आवाज उठाई गई थी। इसके बाद कैथल में भी ऐसा मामला हुआ, जहां 100 से अधिक छात्राओं के साथ यौन शोषण हुआ था। जहां पर प्रिंसिपल के राजनीतिक रसूक होने के कारण उस पर मामला दर्ज नहीं हुआ। जब बच्चियों द्वारा PM, राष्ट्रपति, गवर्नर तथा महिला आयोग को पत्र लिखा गया तब महिला आयोग के हस्तक्षेप के बाद एक FIR दर्ज हुई थी। वहीं कुछ दिन पहले चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी सिरसा की 500 छात्रों द्वारा एक गुमनाम पत्र राष्ट्रीय महिला आयोग, हरियाणा के मुख्यमंत्री, गवर्नर तथा होम मिनिस्टर को लिखा गया था। पत्र में 500 छात्राओं ने प्रोफेसर पर उनके साथ हो रहे यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए थे। जिसमें छात्राओं ने बताया था कि किस तरह से प्रोफेसर उन्हें अपने कमरे में बुलाकर उनको ब्लैकमेल करता है, उन्हें फेल करने की धमकी देता है, उन्हें पास करवाने का लालच देता है और उनके साथ गलत हरकतें करता है। उसमें छात्राओं ने बताया कि पूरी यूनिवर्सिटी को इस बात की जानकारी है, लेकिन उस प्रोफेसर का राजनीतिक रसूक होने की वजह से उसके खिलाफ कोई भी बोल नहीं सकता। इससे साबित होता है कि यह सब राजनीतिक संरक्षण में हो रहा है।

उनका कहना है कि शिक्षण संस्थानों में इस तरह की घटनाएं ये साफ बताती हैं कि किस तरह से छात्राओं को डर के साए में जीना पड़ रहा है। हरियाणा राज्यों में प्रतिदिन बच्चियों और महिलाओं पर अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं। अपराधियों को सरकार मैं बैठे लोगों का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने कहा CCTNS (अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और प्रणाली) के आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल 1 जनवरी से 30 नवंबर तक हरियाणा में अब तक मर्डर की 974, सामूहिक दुष्कर्म की 139, दुष्कर्म की 1701, लूटपाट की 271, किडनैपिंग 3871 और क्राइम अगेंस्ट वीमेन की 10,946 घटनाएं हुई। इस डाटा के मुताबिक हरियाणा में प्रतिदिन 5 से 6 दुष्कर्म, 11 से 12 किडनैपिंग और 3 से 4 मर्डर हो रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी सरकार में आज हरियाणा महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित राज्यों में की सूची में दूसरे नंबर पर है। इसके साथ ही रेप रेट और मर्डर रेट में भी दूसरे नंबर पर है। हरियाणा में UP से ढाई गुना ज्यादा क्राइम हो रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में बीजेपी सरकार बेटियों को सुरक्षा देने में विफल रही है। अब समय आ गया है कि हरियाणा में भी AAP की सरकार को लाया जाए और हरियाणा की बेटियों के सम्मान की रक्षा की जाए।

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