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Haryana: AAP के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता का बयान, पंजाब में पार्टी ने बढ़ाया अपना शिक्षा खर्च

• LAST UPDATED : January 29, 2024

India News (इंडिया न्यूज़), Haryana: AAP के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने सोमवार को खट्टर सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों पर निशाना साधा। उनका कहना था कि सरकार की शिक्षा विरोधी नीति के कारण प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले 60 हजार बच्चों का भविष्य दांव पर लग गया है। उन्हें फरवरी माह में होने वाली परीक्षाओं से वंचित रखा जा रहा है। सरकार की बेसिरपैर की योजनाएं के चलते निजी स्कूलों के छात्र छात्राएँ मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं।

उनका कहना था कि एक तरफ सरकारी स्कूल मर्जर के नाम पर बंद किये जा रहे हैं। दूसरी तरफ सरकार प्राइवेट स्कूल के बच्चों को भी बोर्ड की परिक्षाएं देने से वंचित रखने की कोशिश कर रही है। परीक्षा के आवेदन के लिए सिर्फ तीन दिन बचे हैं, जबकि अभी तक दसवीं और बारहवीं की परीक्षा के फॉर्म भी नहीं भरे गए हैं। हरियाणा प्रदेश के अस्थाई मान्यता प्राप्त निजी स्कूल शिक्षा विभाग के बॉन्ड राशि के चक्कर में फंस गए हैं। इससे लगभग 60 हजार बच्चों के अभिभावक व बच्चे असमंजस की स्थिति में हैं।

उनका कहना था कि हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने सभी कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाओं को शेड्यूल जारी कर दिया है वहीं दूसरी ओर इन स्कूलों के बच्चे अभी तक परीक्षा फॉर्म तक भी नहीं भर पाए हैं। इस कारण बच्चे और अभिभावक भी मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। वहीं शिक्षा विभाग बॉन्ड राशि के नाम पर स्कूलों को ब्लैकमेल कर रहा है। शिक्षा मंत्री पहले परीक्षा देने की हामी भर अब अपनी बात से पलट गये हैं और निजी स्कूलों पर परीक्षा नहीं देने का दबाव बना रहे हैं।

उनका कहना था कि शिक्षा को लेकर खट्टर सरकार की कोई भी नीति नजर नहीं आ रही है। सरकारी स्कूलों की हालत तो पहले से ही खस्ता है। सरकारी स्कूलों ने शिक्षकों के साथ बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं का भी टोटा है। अब खट्टर सरकार छोटे प्राइवेट स्कूलों को भी बंद करने की कोशिश कर रही है। जहां गरीबों के बच्चे पढ़ते हैं।

उनका कहना था कि हम सरकार की गरीब विरोधी नीति और शिक्षा विरोधी नीति का पुरजोर विरोध करते हैं। एक तरफ तो दिल्ली में गरीब से गरीब व्यक्ति का बच्चा विश्व स्तरीय और मुफ्त शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। वहीं गरीब घर के बच्चे बड़े-बड़े एग्जाम लेकर आईआईटी आईआईएम में जा रहे हैं। पंजाब में भी शिक्षा विभाग का कायाकल्प किया जा रहा है। दूसरी तरफ हरियाणा सरकार ने अपना शिक्षा बजट 11% घटा दिया है। वहीं दूसरी तरफ पंजाब सरकार ने अपना शिक्षा का खर्च 12% बढ़ा दिया है।

उनका कहना था कि एक तरफ हरियाणा सरकार बच्चों को अनपढ़ रखना चाहती है। वहीं AAP आपके बच्चों को पढ़ा लिखा कर आगे बढ़ना चाहती है। उनका कहना था कि AAP मांग करती है कि इन सभी बच्चों को जल्द से जल्द एडमिशन कार्ड दिए जाएं और बोर्ड की परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जाए। सरकार पोर्टल-पोर्टल का खेल खेलना बंद करें और तुरंत प्रभाव से एक नोटिफिकेशन जारी करके इन सब बच्चों को बोर्ड परीक्षा में बैठने का अवसर दे।

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