इंडिया न्यूज, Hamirpur (Himachal Pradesh)
मक्की की फसल (maize crop) पर अमेरिकन कीट फाल आर्मी वर्म (American pest Fall Army worm) के लक्ष्ण (attack) दिखने शुरू हो गए हैं। इसके चलते किसानों को मक्की की फसल खराब होने का डर पैदा हो गया है।
पिछले वर्ष भी इस कीट ने मक्की की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया था। गर्मी अधिक होने पर यह कीट ज्यादा सक्रिय होता है। कीट लाखों की तादाद में फसल पर हमला कर उसे पूरी तरह बर्बाद कर देता है।
इसे देखते हुए उप परियोजना निदेशक (आतमा) राकेश कुमार ने किसानों को सलाह दी कि वे अपने खेतों की नजदीकी से निगरानी करते रहें।
उन्होंने बताया कि फाल आर्मी वर्म के लक्षण दिखते ही फसल को बचाने के लिए शीघ्र ही उपाय शुरू करें। इसमें नीम के बीज की गिरी का अर्क कारगर सिद्ध होता है।
इसमें लगभग 1 किलो ग्राम बीज को पीसकर पाउडर बना लें तथा 5 लीटर पानी में रातभर भीगो लें। इसे सूती कपड़े से छानकर 20 से 25 लीटर पानी में घोल बनाएं व मक्की की फसल पर छिड़काव करें।
राकेश कुमार ने बताया कि अग्नि अस्त्र का प्रयोग रस चूसने वाले कीड़े, छोटी सूंडियों के लिए उपयोगी है। इसे बनाने के लिए कूटे हुए नीम के पत्ते 1 किलो ग्राम, तंबाकू का पाउडर 100 ग्राम, तीखी हरी मिर्च की चटनी 100 ग्राम, देसी लहसुन की चटनी 100 ग्राम आदि सामग्री को 5 लीटर देसी गाय के मूत्र में धीमी आंच पर उबालें।
इस मिश्रण को 48 घंटे के लिए रख दें। सुबह-शाम 2 बार इस घोल को लकड़ी की डंडी से घोलते रहें। इस घोल को 30 से 40 लीटर पानी में मिलाकर प्रति बीघा स्प्रे करें।
वर्षा की स्थिति में उपरोक्त घोल में साबुन का पानी मिलाया जा सकता है ताकि घोल पत्तों पर चिपका रहे। इसके अलावा, 8 किलोग्राम रेत, 1 किलोग्राम राख तथा 1 किलोग्राम चूना अच्छी तरह मिलाकर मक्की के खेत में शाम को या वर्षा पड़ने से पहले इस तरह छट्टा करें कि मिश्रण मक्का के ऊपरी भाग यानि गोभू में पड़े।
इससे कीड़े की त्वचा पर रगड़ लगेगी जिससे वह पौधे के अंदर से बाहर निकलकर भाग जाएगा। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि इन प्रक्रियायों को 8 से 10 दिनों के अंतराल पर दोहराते रहे।
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