इंडिया न्यूज, Dharamshala (Himachal Pradesh)
कांगड़ा जिले में भूजल स्तर की कमी (low groundwater level) वाले क्षेत्रों में अमृत सरोवर तथा चैक डैम (Amrit Sarovar and check dams) निर्मित करने के लिए विशेष कदम (Focus) उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
इस बाबत जल शक्ति मिशन के तहत कैच द रेन अभियान की समीक्षा के लिए कांगड़ा प्रवास पर पहुंची केंद्रीय टीम ने ग्रामीण विकास विभाग, जल शक्ति, बागबानी, कृषि तथा वन विभाग के अधिकारियों को जल संरक्षण के लिए आवश्यक सुझाव भी दिए हैं।
शुक्रवार को डीसी कार्यालय के सभागार में कैच द रेन अभियान की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय दल के प्रभारी भारी उद्योग के निदेशक विकास डोगरा ने कहा कि कांगड़ा जिले में अमृत सरोवर तथा चैक डैम इत्यादि के निर्माण में कई जगहों पर बेहतर कार्य हुआ।
वन विभाग द्वारा जल संरक्षण के लिए तैयार सरोवर भी बेहतर तरीके से डिजाइन किए गए हैं।
विकास डोगरा ने कहा कि भीषण गर्मी के समय समस्त क्षेत्रों में खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जल की कमी हो जाती है तथा जल स्तर में गिरावट दर्ज होती है।
इसी को ध्यान में रखते हुए वर्षा जल संग्रहण पर विशेष बल दिया गया है। इसी कड़ी में केंद्र सरकार की ओर से अमृत सरोवर योजना के तहत तालाबोें का संरक्षण तथा सौंदर्यीकरण किया जा रहा है।
इससे जल स्तर पर में भी बढ़ोतरी होगी तथा अमृत सरोवरों के जल का उपयोग कृषि तथा पशुपालन कार्यों में किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के तहत जिले के 75 अमृत सरोवरों में तिरंगा भी फहराया जाएगा ताकि जल संरक्षण का संदेश सभी नागरिकों को दिया जा सके।
विकास डोगरा ने कहा कि जिन क्षेत्रों में बेहतरीन कार्य हुआ है, वहां पर अन्य पंचायतों के प्रतिनिधियों की विजिट भी करवाई जाए ताकि जल संरक्षण की दिशा में सभी पंचायतों में बेहतर कार्य किया जा सके।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत भी सिंचाई के लिए वर्षा जल संग्रहण के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। विभिन्न स्तरों पर जल भंडारण टैंक निर्मित करने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत वर्षा जल संग्रहण के लिए निर्मित किए जाने वाले ढांचों या चैक डैम के लिए बेहतर डिजाइन तैयार किया जाए।
इसके आधार पर ही सभी पंचायतों में एक ही प्रारूप के आधार पर बेहतर चैक डैम निर्मित किए जा सकें।
उन्होंने कहा कि निर्मित ढांचों का तकनीकी आडिट भी नियमित अंतराल के पश्चात करवाना सुनिश्चित किया जाए ताकि निर्मित ढांचों की उपयोगिता का सही आंकलन हो सके।
इससे पहले उपायुक्त डा. निपुण जिंदल ने कांगड़ा जिले में जल संरक्षण के लिए विभिन्न स्तरों पर उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कांगड़ा जिले में जल संग्रहण के लिए ग्रामीण विकास विभाग, कृषि तथा वन विभाग की ओर से बेहतरीन कार्य किया गया है जिसका आम जनमानस को भी लाभ पहुंचा है।
इस अवसर पर ग्रामीण विकास विभाग, जल शक्ति, कृषि, उद्यान विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।
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