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हमारी आत्मा को प्रबुद्ध करती है संस्कृत: कुलपति प्रो0 एच0 के0 चौधरी

• LAST UPDATED : September 3, 2022

हमारी आत्मा को प्रबुद्ध करती है संस्कृत: कुलपति प्रो0 एच0 के0 चौधरी

  • कृषि विश्वविद्यालय में संस्कृत संभाषण कार्यक्रम आयोजित
  • श्लोकोचरण प्रतियोगिता में दिव्यांशु डोगरा श्रेष्ठतम

इंडिया न्यूज, पालमपुर, (Palampur-Himachal Pradesh)

संस्कृत (Sanskrit) हमारे बौद्धिक क्षेत्र को समृद्ध (enrich the intellectual field) करने वाली मातृभाषा (mother language) है। यह निर्दोषता, स्पष्टता और सरलता (Innocence, Clarity and Simplicity) के साथ हमारी आत्मा को प्रबुद्ध (enlighten the soul) करती है। सरकार और विभिन्न संस्थानों के सभी प्रमुख लोगो (चिन्ह)में संस्कृत श्लोक (sanskrit shloka) शामिल हैं। कंप्यूटर प्रोग्रामिंग (computer programming) के लिए संस्कृत (sanskrit) को सबसे अच्छा (best suitable) पाया गया है और नासा के वैज्ञानिकों (scientist at NASA) को इस अनूठी भाषा में एक लघु पाठ्यक्रम का अध्ययन करने की आवश्यकता है। उन्होंने संस्कृत के मंत्रों पर चर्चा करते हुए कहा कि यह श्लोक मनोबल को बढ़ाने और किसी के जीवन को दिशा देने में मदद करते हैं। ये शब्द कुलपति प्रो0 एच0 के0 चौधरी (Vice Chancellor Prof. H.K.Chowdhary) ने चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर (Chaudhary Sarwan Kumar Himachal Pradesh Agricultural University Palampur) में संस्कृत संभाषण शिविर (Sanskrit Speech Camp) के आयोजन के दौरान वैज्ञानिकों, विद्यार्थियों और विद्धानों (Scientists, Students and Scholars) को संबोधित करते हुए व्यक्त किये।

उन्होने ने यह दिखाने के लिए उदाहरणों का हवाला दिया कि संस्कृत दुनिया की कई मुख्यधारा की भाषाओं से बेहतर (Sanskrit is better than many mainstream languages ​​of the world) है। उन्होंने भाषा के सुंदर व्याकरण का विस्तार किया। कुलपति ने छात्रों की संस्कृत में अभिव्यक्ति के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल व विश्वविद्यालय के कुलाधिपति (Governor of Himachal Pradesh and Chancellor of the University) का आभार व्यक्त (thank you) करते हुए कहा कि छात्रों, वैज्ञानिकों और अन्य लोगों के बीच संस्कृत के महत्व को उजागर करने के लिए इस तरह के समारोह आयोजित करने के लिए प्रेरित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार और हिमाचल सरकार ने स्कूलों में भाषा को पेश करने के लिए कदम उठाए हैं। संस्कृत को राज्य की दूसरी भाषा (second language in state) घोषित किया है।

आधारभूत विज्ञान महाविद्यालय की डीन डॉ0 अनीता सिंह (Dr. Anita Singh, Dean of the College of Basic Sciences) ने बताया कि यह गलत धारणा थी कि संस्कृत का प्रयोग केवल धार्मिक कार्यक्रमों में किया जाता है। यह व्याकरण, विज्ञान, चिकित्सा, साहित्य, न्यायशास्त्र  (Grammar, Science, Medicine, Literature, Jurisprudence) आदि के लिए एक समृद्ध भाषा है। कार्यक्रम के संयोजक डॉ0 रणवीर सिंह राणा ने भी संस्कृत के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में डॉ0 ओ0 एस0 के0 शास्त्री और डॉ0 विपिन कुमार ने विशेष व्याख्यान दिए।

इस दौरान इंटर कॉलेज श्लोकोचरण प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसमें आधारभूत विज्ञान महाविद्यालय के दिव्यांशु डोगरा ने पहला और कृषि महाविद्यालय की मुस्कान कौंडल ने दूसरा स्थान हासिल किया।

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