होम / राज्यपाल ने बिलासपुर जिला के कोठीपुरा स्थित एम्स संस्थान का दौरा किया

राज्यपाल ने बिलासपुर जिला के कोठीपुरा स्थित एम्स संस्थान का दौरा किया

• LAST UPDATED : September 27, 2022

इंडिया न्यूज, Himachal Pradesh: राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने मंगलवार को बिलासपुर जिला के कोठीपुरा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का दौरा किया। इस अवसर पर एम्स के अध्यक्ष प्रमोद गर्ग ने राज्यपाल को प्रस्तुति के माध्यम से संस्थान की गतिविधियों से अवगत करवाया। राज्यपाल ने विभिन्न वार्डों में जाकर मरीजों को प्रदान की जाने वाली उच्च स्तरीय सुविधाओं की जाnनकारी भी प्राप्त की। संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिनेश वर्मा ने संस्थान की ढांचागत सुविधाओं के बारे में राज्यपाल को अवगत करवाया।

राज्यपाल ने बिलासपुर स्थित श्री नरसिंह मंदिर में जाकर की पूजा-अर्चना

इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा, अतिरिक्त उपायुक्त अनुराग चंद्र, कार्यकारी निदेशक डॉ. वीर सिंह नेगी, डॉ. संजय विक्रांत और संकाय के अन्य सदस्य उपस्थित थे। इसके उपरान्त राज्यपाल ने बिलासपुर स्थित श्री नरसिंह मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना भी की। इस अवसर पर विशेष ओलम्पिक भारत की अध्यक्ष मलिका नड्डा राज्यपाल के साथ उपस्थित थी। राज्यपाल ने मंदिर परिसर में स्टॉल लगाने वाले स्वयं सहायता समूह चेतना के सदस्यों से संवाद भी किया।

राज्यपाल की अध्यक्षता में बिलासपुर के उपायुक्त कार्यालय के बचत भवन में प्रधानमंत्री टी.बी मुक्त भारत अभियान के अन्तर्गत नि:क्षय मित्र कार्यक्रम की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों, संगठनों के प्रतिनिधियों और हितधारकों ने भाग लिया।

इस अवसर पर राज्यपाल ने प्रधानमंत्री के टीबी मुक्त भारत अभियान से हर व्यक्ति को जोड़ने पर बल दिया। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने हम सभी को एक दिशा दिखाई है, इसलिए उन्होंने इस अभियान की शुरूआत की। हालांकि यह अभियान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से लागू किया जा रहा है, लेकिन यह एक सार्वजनिक अभियान होना चाहिए न कि सरकारी अभियान। उन्होंने आग्रह किया कि राज्य में कोई भी संस्थान टीबी के मरीजों को गोद ले सकता है।

राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में प्रदेश में प्रभावी कदम उठाए गए हैं जिनके फलस्वरूप हिमाचल को दो बार पुरस्कृत भी किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से वर्ष 2023 में प्रदेश को पूरी तरह से टीबी मुक्त बनाया जा सकता है।

इस अवसर पर राज्यपाल ने मरीजों को पोषण किट भी वितरित की।

उपायुक्त पंकज राय ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि बिलासपुर जिले में टीबी की अधिसूचित दर 97 प्रतिशत है जबकि उपचार सूचकांक भी 97 प्रतिशत से अधिक है। उन्होंने कहा कि जिले में कुल 392 टीबी रोगियों की पहचान की गई है, जिनमें से 70 प्रतिशत ने सामुदायिक सहयोग लेने के लिए अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। अतिरिक्त उपायुक्त अनुराग चंद्र शर्मा ने जिला में रेडक्रॉस के माध्यम से चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों की विस्तृत जानकारी प्रदान की।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के उप प्रबंध निदेशक डॉ. गोपाल बैरी ने कहा कि 15 से 45 वर्ष के आयु वर्ग में टीबी के मरीजों की संख्या सबसे अधिक है और लगभग 45 प्रतिशत युवा इस बीमारी से पीड़ित हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हिमाचल को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य वर्ष 2023 तक हासिल कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी स्तर पर टीबी के मरीजों को अनेक सुविधाएं नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 52 प्रतिशत मरीजों ने सामुदायिक सहयोग के लिए अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रवीन कुमार ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा, जिला रेडक्रॉस अस्पताल कल्याण अनुभाग की अध्यक्ष अनुपमा राय, सहायक पुलिस अधीक्षक राजिन्द्र कुमार, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

यह भी पढ़ें : दिल्ली से लेकर हिमाचल तक कांग्रेस ने राजनीति को बना डाला खानदानी कारोबार: कश्यप

Connect With Us : Twitter | Facebook Youtube

SHARE

Tags:

mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox