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सीएसआईआर-आईएचबीटी द्वारा कांगड़ा के मुल्थान में केसर की खेती को प्रोत्साहन

• LAST UPDATED : September 30, 2022

सीएसआईआर-आईएचबीटी द्वारा कांगड़ा के मुल्थान में केसर की खेती को प्रोत्साहन

इंडिया न्यूज, पालमपुर (Palampur-Himachal Pradesh)

वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद-हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (सीएसआईआर-आईएचबीटी) (CSIR-IHBT) पालमपुर ने जिला कांगड़ा के उपमंडल बैजनाथ (baijnath) की ग्राम पंचायत बड़ाग्रां, तहसील मुलथान, में ’’केसर उत्पादन की उन्नत कृषि प्रौद्योगिकी’’ (Advanced Agricultural Technology of Saffron Production) पर एक दिवसीय प्रशिक्षण-सह जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर बैजनाथ विधानसभा क्षेत्र के विधायक मुल्ख राज प्रेमी (MLA Mulkh Raj Premi) बतौर मुख्य अतिथि उपसतिथ थे।

इस अवसर पर मुल्ख राज प्रेमी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में केसर (kesar) की खेती और किसानों को समर्थन देने के लिए सीएसआईआर-आईएचबीटी (csir-ihbt) द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने केसर की फसल के महत्व पर जोर दिया और किसानों से इसकी खेती के लिए आगे आने को कहा। इस अवसर पर उन्होंने क्षेत्र के कई किसानों में केसर के घनकन्दों का वितरण भी किया।

इस प्रशिक्षण में बेरोजगार युवाओं, पंचायत अधिकारियों और कृषि अधिकारियों सहित कई गांवों के किसानों (बारागरान, नलहोटा, कोठीकोहड़, राजगुंधा, शासक, कुकडगुंधा) ने भाग लिया। इसके अलावा भीखम कपूर, भाजपा मंडल अध्यक्ष एवं रमिता देवी, बैजनाथ की महिला मंडल अध्यक्ष भी इस कार्यक्रम के दौरान मौजूद रहे।

डॉ0 संजय कुमार, निदेशक, सीएसआईआर-आईएचबीटी ने भी किसानों के साथ अपने विचार सांझा किए और उन्हें बताया कि ये संस्थान क्षेत्र में प्रायोगिक स्तर पर केसर की खेती के लिए राज्य के कृषि विभाग के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है।

संस्थान, अक्सर कृषि अधिकारियों के कौशल को उन्नत करने और उच्च मूल्य वाली फसलों के उत्पादन में किसानों को सशक्त बनाने के लिए ऐसे प्रशिक्षण शिविर आयोजित करता है। जिस से भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग किया जा सके।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ0 राकेश कुमार, सीएसआईआर-आईएचबीटी के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक और डॉ0 रेणु शर्मा, राज्य कृषि विभाग मुल्तान की विषय विशेषज्ञ ने बुवाई, साइट चयन, गुणवत्ता विश्लेषण, पोषक तत्व प्रबंधन, खरपतवार प्रबंधन सहित कृषि तकनीकों का प्रदर्शन, कीट प्रबंधन, फसलोपरांत पद्धति और केसर का भंडारण का प्रशिक्षण दिया।

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