इंडिया न्यूज, शिमला, (CM’s Statement Before Modi’s Visit) : प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से पहले सीएम के बयान के बाद पेंशन को लेकर नई चर्चा शुरू हो गई है। सीएम जयराम ठाकुर के यह कहने पर कि मोदी हैं तो पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) मुमकिन है, के बाद कर्मचारी वर्ग में इसे लेकर नई चर्चा शुरू हो गई है। नई पेंशन योजना (एनपीएस) में सेवाएं दे रहे कर्मचारियों को यह उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने दौरे के दौरान पेंशन को लेकर कोई घोषणा कर सकते हैं।
वर्ष 2003 से पहले सरकारी नौकरी में आया प्रत्येक कर्मचारी सेवाकाल की अवधि और बेसिक के साथ डीए को मिलाकर कम से कम नौ हजार पेंशन प्राप्त करता है, जबकि एनपीएस के तहत दो लाख रुपये तक की जमाराशि पर न्यूनतम 554 रुपये ही मासिक पेंशन मिल रही है। इसमें पेंशनर अधिकतम पांच हजार रुपये मासिक पेंशन ले रहे हैं। औसतन 2200 से 3000 रुपये मासिक पेंशन है। यह भी आयुर्वेदिक चिकित्सक और उच्च पदों पर बैठे कर्मचारियों को ही मिल रही है।
हर माह 22 तारीख को सरकार की ओर से बेसिक व महंगाई भत्ता (डीए) का 14 प्रतिशत हिस्सा एनएसडीएल कंपनी के खाते में चला जाता है। इस तरह कर्मचारियों का 10 प्रतिशत और सरकार की ओर से दिए गए 14 प्रतिशत हिस्सा दोनों शेयर बाजार में निवेश होते हैं।
इस समय सरकारी कर्मचारियों में एनपीएस की संख्या 1.10 लाख तक पहुंच चुकी है। पुरानी पेंशन योजना के तहत सेवारत कर्मचारियों की संख्या 80 हजार ही रह गई है। छठे वेतन आयोग में अब ओपीएस के तहत सेवानिवृत्त कर्मचारियों को न्यूनतम पेंशन 18 हजार रुपये देने का नियम है। एनपीएस लागू होने के बाद 700 कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए, जिसमें से 600 मासिक पेंशन ले रहे हैं।
नई पेंशन योजना के लिए छह बैंकों व वित्तीय संस्थाओं को अधिकृत किया गया है। इसके लिए सभी बैंकों में पेंशन प्राप्त करने के लिए कम से कम दो लाख रुपये बैंक में जमा होना आवश्यक होगा। यदि कर्मचारी की नौकरी के दौरान बैंक में दो लाख से कम राशि जमा होती है तो उसे रिटायरमेंट के समय पूरी राशि प्रदान की जाएगी और ऐसी स्थिति में उसे मासिक पेंशन की सुविधा नहीं मिलेगी।
एनपीएस के तहत सेवानिवृत्त कर्मचारियों के कुल जमा जमाराशि का 60 प्रतिशत नकद भुगतान कर दिया जाता है। शेष 40 प्रतिशत राशि के आधार पर मासिक पेंशन दी जाती है। एनपीएस के तहत कर्मचारियों को 70 वर्ष की आयु तक ही पेंशन मिलेगी। उसके बाद सेवानिवृत्त कर्मी पत्नी को पेंशन लगवा सकता है या फिर शेष 40 प्रतिशत राशि वापस ले सकता है। 70 वर्ष की आयु से पहले सेवानिवृत्त कर्मी की मृत्यु होने की स्थिति में पेंशन उसकी पत्नी को मिलेगी और पेंशन 70 वर्ष की आयु तक ही मिलेगी। इसके बाद पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा।
नई पेंशन स्कीम के बारे में कर्मचारी महासंघ के संस्थापक नरेश ठाकुर ने बताया कि 2003 के बाद सरकारी सेवाओं में आए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने के लिए सरकार को अधिक खर्च नहीं उठाना पड़ेगा।
क्योंकि कर्मचारी का 10 प्रतिशत और सरकार का 14 प्रतिशत हिस्सा शेयर बाजार में लगता है। हालत यह है कि जो एनपीएस के तहत कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए हैं, उन्हें मासिक 554 रुपये मासिक पेंशन मिल रही है। अब बताया जाए कि इस पेंशन से कर्मचारी किस तरह से अपना जीवन यापन कर पाएगा।
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