इंडिया न्यूज, शिमला, (Four Different Fake Companies) : अलग-अलग चार फर्जी कंपनियों के नाम पर एसबीआई से 54 करोड़ का कर्ज लेकर उसे नहीं लौटाने का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में बैंक ने कंपनी प्रबंधक समेत 4 पर केस दर्ज किया है। बैंक प्रबंधक की ओर से दर्ज शिकायत के अनुसार कंपनी प्रबंधक तुषार शर्मा और उसकी पत्नी श्वेता शर्मा ने अपनी अलग-अलग चार कंपनियों के नाम से जाली दस्तावेजों के आधार पर कर्ज लिया, लेकिन बैंक का कर्ज लौटाया नहीं।
बैंक प्रबंधक की शिकायत पर सीबीआई ने शिमला के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में चार अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की हैं। तुषार शर्मा, उसकी पत्नी श्वेता शर्मा, गारंटी देने वाले राकेश शर्मा और उसकी पत्नी पूनम शर्मा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी, 420, 467, 468, 471 तथा भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
इस मामले की जांच का जिम्मा इंस्पेक्टर राजेश पराशर को सौंपा गया है। आरोपियों ने कर्ज एसबीआई की गुटकर मंडी, गंखेलतर बैजनाथ, नगरोटा बगवां और ऊना की झलेड़ा शाखा से लिया। बैंक प्रबंधक ने अपनी शिकायत में बताया है कि तुषार और उसकी पत्नी ने कांगड़ा में मगमा आॅटोलिंक के नाम से कंपनी खोली थी। होंडा कार की डीलरशिप के लिए उसने बैंक से 38.19 करोड़ रुपये का कर्ज लिये।
इसके लिए उसने अपने रिश्तेदारों पूनम शर्मा और राकेश शर्मा से गारंटी दिलवाई। इसके बाद कंपनी ने सारे वाहन बेच दिए, लेकिन बैंक का पैसा नहीं लौटाया। इसी तरह भगत राम मोटर कंपनी के नाम पर आठ करोड़ रुपये, श्वेता गोल्डन फूड्ज के नाम पर 5.91 करोड़ और तनिष्का एग्रो के नाम पर दो करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। लेकिन लिए गये कर्ज का पैसा नहीं लौटाया। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और कानून के अन्य प्रासंगिक प्रावधानों के तहत दंडनीय अपराध किया है। इन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
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