इंडिया न्यूज, Himachal Pradesh: हिमाचल के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज चम्बा के राजकीय ब्वायज वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में विज्ञान संग्रहालय का लोकार्पण किया। इस अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संग्रहालय भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा स्थापित किया गया है और देश के विभिन्न आकांक्षी जिलों में 75 विज्ञान संग्रहालय स्थापित करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन विज्ञान संग्रहालयों को बनाने का मुख्य उद्देश्य न केवल आम लोगों और विशेष रूप से छात्रों को स्वतंत्र भारत के पिछले 75 वर्षों के दौरान भारत की वैज्ञानिक यात्रा और उपलब्धियों से अवगत करवाना है, बल्कि स्कूली छात्रों में वैज्ञानिक सोच पैदा करना भी है। उन्होंने कहा कि इस संग्रहालय का नाम पंडित जयवंत राम उपमन्यु विज्ञान संग्रहालय रखा गया है। पंडित जयवंत राम उपमन्यु हिमाचल प्रदेश विधानसभा के पहले अध्यक्ष और स्टेट हाई स्कूल चंबा में भारतीय मूल के पहले मुख्याध्यापक थे।
जय राम ठाकुर ने कहा कि डीबीटी एनआईपीजीआर-पंडित जयवंत राम उपमन्यु विज्ञान संग्रहालय राजकीय ब्वायज वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चंबा में स्थापित किया गया हिमाचल प्रदेश का पहला विज्ञान संग्रहालय है जो “आजादी का अमृत महोत्सव” का ही एक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि इस विज्ञान संग्रहालय को लोगों में विज्ञान की शिक्षा और विज्ञान के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से विकसित किया गया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह विज्ञान संग्रहालय क्षेत्र में विज्ञान की शिक्षा को बढ़ावा देने, विशेषकर युवाओं और लोगों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तत्वावधान में देश के आकांक्षी जिलों में विज्ञान संग्रहालयों की स्थापना से भारत सरकार के समग्र शिक्षा अभियान को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ प्लांट जीनोम रिसर्च (एनआईपीजीआर) भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) का एक स्वायत्त संस्थान है जो बुनियादी विज्ञान और अनुवाद कार्य दोनों पर ध्यान केंद्रित करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रगतिशील भारत के गौरवशाली इतिहास, संस्कृति और उपलब्धियों के स्मरण एवं इनके सम्मान में केंद्र सरकार ने देश की आजादी के 75वें वर्ष को “आजादी का अमृत महोत्सव” के रूप में मनाने की सराहनीय पहल की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह महोत्सव उन सभी लोगों को समर्पित है, जिन्होंने भारत को एक प्रमुख वैश्विक शक्ति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने भी हिमाचल प्रदेश के अस्तित्व के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य पर प्रदेश भर में 75 कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है। ये कार्यक्रम उन सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए मनाए जा रहे हैं जो कि इन 75 वर्षों में राज्य के विकास में भागीदार रहे हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जतिंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के उद्देश्य से प्री-स्कूल से 12वीं कक्षा तक एक व्यापक कार्यक्रम “समग्र शिक्षा और जन भागीदारी” तैयार किया है, जिसे “टू-टी” यानी टीचर एंड टैक्नोलॉजी पर केंद्रित किया गया है।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष डॉ. हंसराज, चंबा के विधायक पवन नैयर, सचिव जैव प्रौद्योगिकी भारत सरकार डॉ. राजेश एस गोखले, एपीएमसी के अध्यक्ष डी.एस. ठाकुर, भाजपा जिलाध्यक्ष जसबीर नागपाल, निदेशक विज्ञान और प्रौद्योगिकी भारत सरकार सुभ्रा चक्रवर्ती, उपायुक्त चंबा डी.सी. राणा, पुलिस अधीक्षक चंबा अभिषेक यादव और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।