इंडिया न्यूज, Himachal Pradesh: प्रदेश के स्कूलों में इस बार स्कूली छात्रों को लैपटॉप की जगह स्मार्ट फोन दिये जाएंगे। इसके लिए शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को इसकी सप्लाई भेज दी है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से अब स्मार्टफोन के आबंटन के लिए समय मांगा है। इस समय के बाद ही बच्चों को ये स्मार्टफोन बांटे जाएंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले सप्ताह आचार संहिता से पहले ही स्कूली छात्रों को स्मार्टफोन मिल जाएंगे। सभी जिलों के डिप्टी डायरेक्टर के पास मोबाइल की खेप पहुंच चुकी है।
प्रदेश के स्कूल-कालेजों में पढ़ने वाले बच्चों को लैपटॉप देने की जगह स्मार्ट मोबाइल फोन मिलेंगे। पहले भी शैक्षणिक सत्र 2020-21 के बच्चों को पहले सरकार स्मार्ट मोबाइल फोन देने की घोषणा कर चुकी थी, लेकिन अब नए प्रस्ताव के चलते सभी बच्चों को फोन देने की योजना बनााई गई है। इसमें शिमला के करीब 1500 मेधावियों को स्मार्ट फोन दिए जाने वाले हैं।
हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड की मैरिट में आए दसवीं और 12वीं के 8800 और कालेजों के 900 छात्रों को इसी महीनें स्मार्ट फोन दिनए जाएंगे। इसे के चलते सरकार लैपटॉप की जगह छात्रों को फोन देकर अपना करोड़ों का बजट बचा रही है। दरअसल हर साल मेधावी छात्रों को लैपटॉप खरीद देने से सरकार का 40 करोड़ से ज्यादा बजट खर्च होता था, लेकिन अब जब छात्रों को स्मार्ट फोन मिलेंगे, जिसके बाद कम खर्चा आएगा।
अहम यह है कि इस साल जो फोन छात्रों को मिलेंगे, उसमें पहले से ही स्टडी मटीरियल उपलब्ध करवाया जाएगा। बताया जा रहा है कि उच्च शिक्षा निदेशालय ने जैम पोर्टल के जरिए सभी मोबाइल की खरीद की है। इन सभी फोन में 6.3 इंच की स्क्रीन होगी। फोन के अंदर छह हजार एमएएच की बैटरी दी गई है।
मोबाइल के साथ बच्चों को ईयर फोन भी दिये जाएगें। मोबाइल की सुरक्षा का सारा समान पहले ही लगाकर दिया जाएगा। बच्चों को मोबाइल फोन देने का एक ही मकसद है कि बच्चों को आगे की पढ़ाई के लिए कोई भी परेशानी ना उठानी पड़े। साथ ही पढ़ाई से जुड़ी हर चीज उन्हें आसानी से मिल सके।