इंडिया न्यूज, धर्मशाला (Dharamshala-Himachal Pradesh)
जिला स्तरीय विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (world mental health day) मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा के सौजन्य से वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला अमनी स्वास्थ्य खण्ड नगरोटा सूरियां में मनाया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य (mental health) के प्रति जागरूक करना था। इस मौके पर जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर गुरमीत कटोच (dr gurmeet katoch) ने बताया की वर्तमान समय में भागदौड़ भरी जिंदगी में अक्सर लोग तनाव का शिकार हो जाते हैं और इस कोरोना काल में तो हर व्यक्ति किसी न किसी रूप में तनाव का शिकार हुआ है, जब यह तनाव लंबे समय तक बना रहता है तो हमारा मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है।
उन्होंने बताया की शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी अति आवश्यक है क्योंकि लंबे समय तक बने रहना वाला तनाव हम सबके लिए घातक है। अतः अपनी दिनचर्या नियमित रखें, रोज व्यायाम करें, क्योंकि व्यायाम करने से तन और मन को स्फूर्ति मिलती है और हम तनावमुक्त महसूस करते हैं। संतुलित आहार लें और सबसे बड़ी बात अपने आप को नशीली पदार्थों के सेवन से दूर रखें।
उन्होंने बताया की जब हमें पता चले की हमारे आसपास किसी व्यक्ति का व्यवहार अचानक से बदल गया है, अच्छा बोलने वाला व्यक्ति एकदम चुप हो गया है या वह उदास रहता है अथवा सुस्त रहता है, बिना कारण डरता है, आसपास आवाज महसूस करता है, अथवा बिना कारण रोने को मन करता करता है, मन में अजीब अजीब विचार आते हैं तो यह मानसिक रोग के लक्षण हो सकते हैं। उस व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए, क्योंकि समय पर इलाज होने से मानसिक रोगी एकदम स्वस्थ हो जाते हैं।
इस संबध में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धरूह के प्रभारी डॉक्टर दुष्यंत ने बताया की लोग मानसिक रोगी को डॉक्टर के पास ले जाने के बजाय लोग झाड़-फूंक में लगे रहते हैं, जिससे रोगी का स्वास्थ्य और बिगड़ जाता है। अतः जैसे ही किसी में उपरोक्त लक्षण दिखें तो व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर को दिखाएं, ताकि समय पर उसको इलाज मिल सके और वह स्वस्थ हो जाए।
मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा करते हुए जन शिक्षा एवं सूचना अधिकारी जगदंबा मेहता ने उपस्थित जनसमूह से आग्रह किया की प्राप्त जानकारी को अपने पास ना रखते हुए और लोगों को भी जागरूक करें ताकि बाकी लोग भी इस जानकारी का लाभ उठा सकें। इसके साथ-साथ स्वास्थ्य शिक्षिका अंजलि ने बच्चों को बताया कि मोबाइल पर अपना कम से कम समय व्यतीत करें, मोबाइल का उपयोग जरूरत होने पर ही करें। ज्यादा समय खेलकूद आदि में व्यतीत करें, जिससे हमारा शारीरिक और मानसिक विकास अच्छा हो।
इस मौके पर भाषण प्रतियोगिता तथा बच्चों के द्वारा गाने और लघु नाटिका के द्वारा मानसिक स्वास्थ्य के ऊपर संदेश दिए गए। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला अमनी के प्रधानाचार्य विजय कुमार ने सभी बच्चों से आग्रह किया, कि अगर उनके आसपास कोई बच्चा मानसिक रोग से ग्रस्त दिखाई देता है या उन्हें अपने दोस्तों में किसी के व्यवहार में अचानक से बदलाव दिखाई पड़े तो तुरंत अपने स्कूल गेट अध्यापकों अथवा अभिभावकों से संपर्क करें ताकि समय पर इलाज संभव हो सके इसके साथ-साथ प्राप्त जानकारी को अपने पास ना रखते हुए सभी के साथ सांझा करने के लिए कहा ताकि बाकी लोग भी लाभान्वित हो सके।