इंडिया न्यूज, मंड़ी (Mandi-Himachal Pradesh)
हिमाचल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मंडी की ‘परिवर्तन प्रतिज्ञा रैली’ में 5 बड़े निशाने साधे। प्रियंका ने पहाड़ की समृद्ध परम्परा और संस्कृति का जिक्र करते हुए यहां के लोगों को उनकी खुद्दारी याद दिलाई और भाजपा के मिशन रिपीट और ‘रिवाज’ बदलने की कैंपेन को काउंटर किया।
प्रियंका ने भाजपा के प्रदेश का ‘रिवाज’ बदलने के नारे को जिस तरह काउंटर किया, उससे साफ हो गया कि कांग्रेस भी इसे लेकर संजीदा है और वह नहीं चाहती कि लोग इस पर भरोसा करते हुए भाजपा को लगातार दूसरा मौका दें।
हिमाचल में जयराम की अगुवाई वाली भाजपा सरकार सबसे ज्यादा जोर प्रदेश का ‘रिवाज’ बदलते हुए अपनी सरकार रिपीट करने पर दे रही है। हिमाचल में 1985 के बाद हर 5 साल बाद सरकार बदलने की परंपरा रही है। प्रियंका ने मंच से अपने भाषण में इस ‘परंपरा’ को अच्छा बताते हुए कहा कि इससे नेताओं के दिमाग ठीक रहते हैं। प्रियंका ने लोगों से सरकार बदलने की ये परंपरा जारी रखने की अपील की।
उन्होंने पहाड़ की परम्परा के बहाने भाजपा के मिशन रिपीट को काउंटर किया। हिमाचल को बनाने में अपनी दादी इंदिरा गांधी के योगदान के बहाने इमोशनल और बाबा भूतनाथ मंदिर जाकर धार्मिक भावनाएं छूने की कोशिश की।
बेरोजगारी-महंगाई के बहाने भाजपा के नाकामीयां गिनाने के साथ ही प्रियंका ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मंच पर लाकर लोगों को यह भरोसा दिलाने की कोशिश की कि कांग्रेस जो गारंटियां दे रही है, उन्हें पूरा भी किया जाएगा।
प्रियंका गांधी ने मंडी इलाके के लोगों के लोकल सेंटीमेंट्स को भी टच किया। उन्होंने कहा कि आजादी से पहले मंडी में नरोत्तम वजीर हुआ करते थे जो प्रजा से बहुत ज्यादा लगान वसूलते थे। उस समय मंडी की खुद्दार जनता ने जिस तरह नरोत्तम वजीर को बदल डाला था, ठीक उसी तरह जयराम सरकार को भी बदलना है।
छोटी काशी के नाम से मशहूर मंडी में पहुंची प्रियंका ने रैली में पहुंचने से पहले बाबा भूतनाथ मंदिर जाकर भगवान भोलेनाथ के दर्शन भी किए। ऐसा करके उन्होंने धार्मिक कार्ड खेलने की कोशिश की। हिमाचल को देवभूमि कहा जाता है और यहां के लोग धर्म-कर्म में बहुत ज्यादा यकीन रखते हैं। भूतनाथ मंदिर पहुंचकर प्रियंका ने मंडी एरिया के लोगों की धार्मिक भावनाओं को छूने की कोशिश की।
प्रियंका गांधी ने अपनी दादी इंदिरा गांधी का जिक्र करते हुए हिमाचली लोगों को राज्य के प्रति कांग्रेस, खासकर अपने परिवार के लगाव की याद दिलाई। हिमाचल को अपना दूसरा घर बताने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बिना नाम लिए प्रियंका ने कहा कि कुछ लोग लगाव का दिखावा करते हैं जबकि इंदिरा गांधी दिल से हिमाचल से जुड़ी रहीं।
प्रियंका ने कहा कि जब इंदिरा गांधी ने हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया, तो बहुत सारे लोगों ने कहा कि पैसे की कमी की वजह से यह राज्य कैसे चलेगा? मगर इंदिरा गांधी जानती थीं कि राज्य को हिमाचल के लोग ही चलाएंगे और आज यह प्रदेश अपने लोगों की मेहनत के बूते आगे बढ़ रहा है।
प्रियंका गांधी ने बेरोजगारी और महंगाई के बहाने केंद्र की नरेंद्र मोदी और हिमाचल की जयराम सरकार पर जमकर निशाना साधा। ठश्रच् पर तंज कसते हुए प्रियंका ने कहा कि देश और प्रदेश का युवा रोजगार चाहता है, लेकिन मोदी सरकार अग्निवीर योजना ले आई। नौजवानों को रोजगार नहीं मिल रहा। जयराम सरकार नौकरियां देने में नाकाम रही। राज्य के सरकारी विभागों में 63 हजार पद खाली पड़े हैं।
प्रियंका ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर पहली ही कैबिनेट में एक लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां देने का फैसला किया जाएगा। पांच साल में कांग्रेस सरकार 5 लाख युवाओं को नौकरी देगी।
रैली में प्रियंका से पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लोगों को संबोधित किया। दरअसल प्रियंका ने बघेल के जरिये हिमाचल के लोगों को यह यकीन दिलाने की कोशिश की कि कांग्रेस जो कहती है, उसे पूरा भी करती है। छत्तीसगढ़ में बघेल सरकार ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) को लागू कर चुकी है। हिमाचल में कर्मचारी बहुत बड़ा वर्ग है और कौन सत्ता में आएगा, काफी हद तक यही वर्ग तय करता है।
हिमाचल के कर्मचारी ओपीएस की मांग कर रहे हैं और प्रियंका ने अपनी पार्टी की सरकार बनने पर पहली ही कैबिनेट में ओपीएस को लागू करने का वादा किया है।
प्रियंका गांधी ने पहाड़ की परंपरा के बहाने भाजपा सरकार की नाकामीयां भी गिनाईं। उन्होंने कहा कि जय राम ठाकुर ने पांच साल में खुद कुछ नहीं किया और जब कांग्रेस 10 गारंटियां लेकर आई तो पूछते हैं कि पैसे कहां से आएंगे।
प्रियंका ने कहा कि कांग्रेस की नीयत साफ है और जिसकी नीयत साफ होती है, वह रास्ते निकाल ही लेती है।
हिमाचल में चुनाव की घोषणा के बाद प्रियंका की यह पहली रैली है जबकि 15 दिन में दूसरी रैली है। जिस तरह से लोगों की भीड़ प्रियंका को सुनने के लिए जट रही है। कांग्रेस के लिए इसे अच्छा संकेत माना जा रहा है।
प्रियंका की रैली से कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार हुआ है क्योंकि प्रियंका ने भाजपा के गढ़ एवं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला में जोरदार रैली कर मोमैंटम हासिल किया है।