इंडिया न्यूज, धर्मशाला(Dharamshala-Himachal Pradesh)
कांगड़ा जिले में अब तक विविध माध्यमों से प्राप्त चुनावों से जुड़ी पौने दो सौ शिकायतों का त्वरित समाधान किया जा चुका है। ये जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त कांगड़ा डॉ0 निपुण जिंदल ने दी।
उन्होने बताया विधानसभा चुनावों के दौरान जिला कांगड़ा में आदर्श चुनाव संहिता की अनुपालना के लिए विभिन्न निगरानी टीमें कार्य कर रही हैं। लोग विभिन्न माध्यमों से आदर्श चुनाव संहिता और अन्य चुनाव संबंधित शिकायतों व जानकारियों के लिए निगरानी टीमों से निरंतर संपर्क कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोगों से शिकायत प्राप्त होने पर प्रशासन द्वारा उनका त्वरित समाधान किया जा रहा है। बता दें, प्रशासन को प्राप्त अधिकतर शिकायतें निजी संपत्तियों पर अनाधिकृत तौर पर पोस्टर-बैनर लगाने से संबंधित हैं।
उन्होने बताया कि जिला कांगड़ा में आदर्श चुनाव संहिता संबंधित शिकायतों के निवारण के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। कंट्रोल रूम में अब तक मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय और लिखित माध्यम से 47 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनका निवारण कर दिया कर दिया गया।
इसके अतिरिक्त भारतीय चुनाव आयोग के नागरिक सेवा पोर्टल (एनजीआरएस) से आदर्श चुनाव संहिता संबंधित आई 24 शिकायतों का समाधान भी कर दिया गया है। वहीं ई-कैच के माध्यम से 31, सी-विजिल से 52 और कॉल सेंटर में 5 शिकायतें आज तक प्राप्त हुई हैं और सबका निपटारा कर दिया गया है। वहीं, एमसीएमसी से जुड़ी 15 शिकायतों में कार्रवाई की गई है।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि चुनावों में आदर्श आचार संहिता को और प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए जिला प्रशासन ने एक वाट्सऐप नंबर 6230953104 जारी किया है। लोग इस पर भी आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत कर सकते हैं।
आचार संहिता निगरानी दल द्वारा संचालित इस वाट्सऐप नंबर पर प्राप्त शिकायतों का त्वरित निपटारा तय बनाया जाएगा।
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि इसके अलावा उपायुक्त कार्यालय में स्थापित नियंत्रण कक्ष में टोल फ्री नंबर 18001808013 पहले से ही चैबीसों घंटे क्रियाशील है। लोग इस पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन अथवा चुनाव से जुड़ी अन्य बात व सुझाव को लेकर संपर्क कर सकते हैं।
वहीं, आदर्श चुनाव संहिता कंट्रोल रूम के जिला नोडल अधिकारी तथा अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी रोहित राठौड़ ने बताया कि कंट्रोल रूम में बहुत सी शिकायतें अनाम, गलत नाम और मृत व्यक्तियों के नाम से आ रही हैं, जिनमें कार्यवाई करने पर अधिकतम गलत पायी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इस वजह से निगरानी टीमों को अनावश्यक श्रम करना पड़ रहा है तथा उनका बहुमूल्य समय भी नष्ट हो रहा है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि शिकायतकर्ता फर्जी शिकायतों से बचें, वास्तविक शिकायतें ही करें, उनका त्वरित समाधान किया जाएगा।