इंडिया न्यूज, धर्मशाला (Dharamshala-Himachal Pradesh)
जिला कांगड़ा में बच्चों को लगने वाले आवश्यक टीकों के लिए स्वास्थ्य विभाग टीकाकरण कार्यक्रमों का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करे। ये शब्द अतिरिक्त उपायुक्त कांगड़ा गंधर्वा राठौड़ (Additional Deputy Commissioner Kangra Gandharva Rathore) ने उपायुक्त कार्यालय धर्मशाला में जिला टास्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहे।
उन्होने कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त समय पर टीकाकरण (vaccination) बहुत आवश्यक है। ठीक समय पर टीकाकरण न होने के कारण बच्चों की ग्रोथ पर प्रभाव पड़ता है, इसलिए स्वास्थ्य विभाग और बच्चों के अभिभावक सही समय पर बच्चों को लगने वाले सभी टीकों का विशेष ध्यान रखें।
उन्होने कहा कि इन सभी कार्यक्रमों के लिए प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य विभाग को हर प्रकार का सहयोग उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग तथा शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि वे सभी बच्चों को फ्रेक्शनल आईपीवी की तीसरी डोस और बच्चों का पूरा टीकाकरण अपने अपने स्तर पर सुनिश्चित करें।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा डॉ0 गुरदर्शन गुप्ता ने बैठक का संचालन करते हुए जिले में टीकाकरण से संबंधित आवश्यक जानकारियां साझा की। मीटिंग में कोविड वैक्सीनेशन, रूटीन इम्यूनाइजेशन, आईपीवी फ्रेक्शनल डोज वैक्सीन की तीसरी डोज और मीजल्स रूबेला उन्मूलन के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई।
उन्होंने बताया कि जिला कांगड़ा में अभी तक 32 लाख 79 हजार 541 डोज कोरोना वैक्सीन की दी जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि अब नियमित टीकाकरण में जनवरी महीने से 9 महीने के बच्चों को फ्रेक्शनल आईपीवी की तीसरी डोज भी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि यह डोज 9वें महीने में एमआर वैक्सीन के साथ दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि मीजल्स रूबेला उन्मूलन (Measles Rubella Elimination) के अंतर्गत 95 प्रतिशत बच्चों को 2 साल तक की उम्र में मीजल्स रूबेला की दो डोजस सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा मीजल्स रूबेला आउटब्रेक कम होना आवश्यक है जिससे 2023 तक हम मीजल्स रूबेला उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि एनीमिया मुक्त हिमाचल अभियान (Anemia Free Himachal Campaign) में अब तक 6 महीने से 10 साल तक के 73 प्रतिशत बच्चों की जांच की जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि जांच के बाद जिला में 44 प्रतिशत बच्चे सामान्य श्रेणी में तथा 56 प्रतिशत बच्चों में एनीमिया पाया गया। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन बच्चों का इलाज सुनिश्चित किया गया है।
बैठक में जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ0 विक्रम कटोच, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ0 वंदना के अतिरिक्त खंड शिक्षा अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, स्वयंसेवी संगठन तथा स्वास्थ्य विभाग के सभी जिला कार्यक्रम अधिकारी तथा वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी उपस्थित रहे।