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जोत में 15 दिन के भीतर डॉपलर मौसम रडार सिस्टम होगा कार्यशील- उपायुक्त दूनी चंद राणा

• LAST UPDATED : December 17, 2022

जोत में 15 दिन के भीतर डॉपलर मौसम रडार सिस्टम होगा कार्यशील- उपायुक्त दूनी चंद राणा

  • मौसम के पूर्वानुमान की मिलेगी सही जानकारी
  • आपदा प्रबंधन के लिए भी मिलेगा महत्वपूर्ण योगदान

इंडिया न्यूज, चंबा (Chamba-Himachal Pradesh)

जिला के जोत में एक्स बैंड डॉपलर मौसम रडार (x band doppler weather radar) को 15 दिन के भीतर कार्यशील (in working) किया जाएगा। ये जानकारी उपायुक्त दूनी चंद राणा (deputy commissioner duni chand rana) ने दी।

उन्होने कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) द्वारा शिमला, मंडी और चंबा के जोत में डॉपलर मौसम रडार सिस्टम लगाने के लिए स्थान चिन्हित किए गए थे।

उन्होंने कहा कि जोत में जून 2021 में भूमि का चयन किया गया। उसके बाद जिला प्रशासन ने प्रदेश सरकार के सहयोग से चयन की गई भूमि का फॉरेस्ट क्लीयरेंस, मूलभूत आधार सरंचना सड़क, बिजली, पानी इत्यादि व्यवस्थाओं को तय सीमा के भीतर पूर्ण किया। इसके अतिरिक्त डॉप्लर रडार के उपकरणों को लगाने के लिए भवन को भी तैयार किया गया।

उन्होने कहा कि भारतीय मौसम विभाग द्वारा एक्स बैंड डॉपलर मौसम रडार को जोत में कमीशन किया गया है। इस दौरान डॉ0 साई कृष्णन वैज्ञानिक (Dr. Sai Krishnan Scientist) और आईएमडी (imd) के अन्य वरिष्ठ वैज्ञानिक की अध्यक्षता वाली टीम उपस्थित थी।

उन्होंने कहा कि इस रडार की 100 किमी की रेडियल दूरी होगी और प्रतिकूल मौसम (adverse weather) की अग्रिम चेतावनी (advance warning) व वर्षा, उसकी गति और प्रकार का पता लगाकर अगले 3 घंटे के प्रभावी प्रसार के लिए वर्षा, इसकी गति और प्रकार का पता लगाने की स्थिति में होगा।

उन्होंने यह भी बताया कि अत्यधिक मौसम की घटनाओं जैसे भारी वर्षा, बादल फटने, आंधी, ओलावृष्टि आदि के बारे में अग्रिम चेतावनी प्रदान करने के लिए प्रभावी उपकरण होगा।

उन्होंने कहा कि चंबा जिला के अतिरिक्त लाहौल स्पीति कांगड़ा हमीरपुर, कुल्लू, ऊना व जम्मू कश्मीर के कुछ क्षेत्रों के मौसम की जानकारी भी उपलब्ध करवाएगा ।

उन्होंने कहा कि इस सिस्टम को अगले 15 दिन तक टेस्टिंग पर रखा गया है जिसके उपरांत डॉपलर मौसम रडार को पूर्णता कार्यशील कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस मौसम रडार सिस्टम से आपदा प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।
उन्होंने मौसम विज्ञान विभाग का भी आभार जताया कि जिन्होंने से तय सीमा के भीतर रडार सिस्टम की स्थापना की।

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