इंडिया न्यूज, हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने हिमाचल के विकास की गारंटी दी थी। हिमाचल कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले अपने घोषणा पत्र में 10 गारंटी देने की बात कही थी। कुछ गारंटियों को तो कैबिनेट की पहली बैठक में पूरी करने की बात कही गई थी। साल 2022 में 11 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश में सरकार बनने के बाद 13 जनवरी को मंत्रिमंडल की पहली बैठक हुई। इस बैठक में ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली का फैसला लिया गया।
हिमाचल कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले कही थी कि कैबिनेट की पहली बैठक में ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली, एक लाख रोजगार और 18 से 59 साल की महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये देने की बात कही थी, इन गारंटियों को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। विपक्ष कह रहा है कि हिमाचल की कांग्रेस सरकार गारंटी को पूरा नहीं कर रही है।
हिमाचल में महिलाओं और युवाओं के रोजगार से जुड़ी गारंटी को पूरा करने के लिए कैबिनेट उप समिति का गठन किया गया है। हिमाचल कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले अपने घोषणा पत्र में कहा था कि प्रदेश में हर साल एक लाख और पांच साल में पांच लाख रोजगार दिया जाएगा, लेकिन अब सरकार की गठन के बाद हिमाचल की सरकार अपने वादे से मुकर रही है। अब सरकार की तरफ से केवल एक लाख रोजगार देने की ही बात कही जा रही है।
हिमाचल बीजेपी अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की जनता कांग्रेस सरकार की सच्चाई जान चुकी है। वहीं सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश पर 75 हजार करोड़ का कर्ज और 11 हजार करोड़ की देनदारी के साथ 5 हजार करोड़ संस्थान खोलने के दबाव का आंकड़ा जोड़कर हिमाचल पर 91 हजार करोड़ रुपये का कर्ज बता रहे हैं, जबकि पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने बीजेपी सरकार के बाद कर्ज का आंकड़ा 69 हजार 600 करोड़ रुपये बताया है।
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