Himachal News: हिमाचल में 65 दिनों से चल रहा सीमेंट माल ढुलाई विवाद आखिरकार सुलझ गया है। इस विवाद के चलते ट्रांसपोर्टरों समेत अन्य 35 हजार लोगों पर मंडरा रहा रोजी-रोटी का संकट भी टल गया। ट्रक ऑपरेटर अडानी के दो सीमेंट प्लांट के माल ढुलाई के भाड़े के लिए 9.30 से 10.30 रुपये के लिए मान गए हैं। इसके साथ ही सभी कर्मचारी काम पर लौटने के लिए तैयार हैं। बता दें कि ट्रक ऑपरेटरों को अब मल्टीएक्सेल ट्रक के लिए प्रति किलोमिटर प्रतिटन 9.30 रूपए और सिंगल एक्सेल ट्रकों के लिए 10.30 रुपये प्रति किलोमीटर का माल ढुलाई भाड़ा मिलेगा।
सीएम की तीसरे दौर की बैठक में खत्म हुआ विवाद
बता दें कि सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ट्रक ऑपरेटरों के साथ तीसरे दौर की बैठक की थी। सीएम ने बैठक में दोनों पक्षों की सहमति के लिए सीएम द्वारा हर संभव प्रयास किए। सीएम सुक्खू ने मीडिया से बातचीत कर बताया कि उनके सीएम बनने के पांच दिन बाद ही अडानी ग्रुप के दोनों सीमेंट प्लांट का काम बंद कर दिया गया था। इसके बाद सरकार ने इस मामले को गम्भीरता से लिया और दोनों पक्षों को सुना। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हजारों लोगों की रोजी- रोटी इन कारखानों से जुड़ी है। इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए सार्थक कदम उठाए गए और सीमेंट ढुलाई के इस विवाद को सुलझा लिया गया।
सालाना 5 से 7 करोड़ रुपए का झेलना पड़ेंगा नुकसान- ट्रक ऑपरेटर
विवाद में सहमति बनने के बाद ट्रक ऑपरेटरों ने कहा कि प्रदेश के और हजारों लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए नुकसान झेलते हुए हमनें माल भाड़े के इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया हैं। उन्होंने बताया कि इस रेट पर ट्रक ऑपरेटरों को सालाना 5 से 7 करोड़ रुपए का नुकसान झेलना पड़ सकता है। वही बैठक के बाद अडानी ग्रुप के अधिकारियों ने कहा कि वो अपनी दोनों कंपनी अंबुजा और एसीसी सीमेंट प्लांट की प्रॉडक्शन मंगलवार से शुरु करने की तैयारी कर रहे हैं।