इंडिया न्यूज़, हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने चेक बाउंस के मामले में एक महत्वपूर्ण व्यवस्था दी है। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने कहा कि चेक बाउंस मामले में सजा बरकरार होने के बाद भी सजा को खत्म किया जा सकता है। कोर्ट ने पक्षकारों के बीच समझौता होने के बाद सजा को रद्द कर दिया। चेक बाउंस के मामले में सजा काट रहे दोषी को तुरंत प्रभाव से रिहा करने का आदेश दिया गया है। अदालत ने कहा कि चेक बाउंस होने के मामलों में दोनों पक्षकारों को बीच समझौता होने पर सजा बरकरार होने के बाद भी अपराध को खत्म किया जा सकता है।
जुब्बल निवासी नरेश कुमार ने त्रिलोक चंद को 80 हजार रुपये का चेक दिया था। चेक बाउंस होने के बाद निचली अदालत में इसके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई। निचली अदालत शिकायत पर सुनवाई करने के बाद दोषी को छह महीने की सजा सुनाई थी। अपीलीय अदालत ने भी अपील को खारिज करते हुए सजा को बरकरार रखा था। इसके बाद दोषी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
चेक बाउंस मामले में हाईकोर्ट ने भी दोषी को पहले से सुनाई गई सजा पर मुहर लगा दी थी। इसके बाद दोषी ने शिकायतकर्ता को चेक की राशि देकर समझौता कर लिया और हाईकोर्ट के समक्ष सजा को रद्द करने के लिए आवेदन किया था। जिसके बाद अदालत ने दोनों के बीच समझौता होने के बाद अपराध को खत्म करने का आदेश दे दिया।
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