इंडिया न्यूज़, हिमाचल प्रदेश: शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार की कैबिनेट बैठक में ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर बड़ी घोषणा की गई। सुक्खू सराकर ने 1 अप्रैल 2023 से ओपीएस को लागू करने का फैसला लिया है। इस योजना के बाद सरकार पर प्रतिवर्ष 1000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा। ओपीएस बहाली का लाभ 1.36 लाख सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा। सुक्खू सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में ओपीएस की बहाली का निर्णय लिया था, लेकिन कर्मचारियों का नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) फंड कटना बंद नहीं हुआ था।
बैठक में कैबिनेट ने केन्द्र सरकार से प्रदेश की 8 हजार करोड़ रुपये एनपीएस राशि को लौटाने का प्रस्ताव भी पारित किया है। सरकार ने वित्त विभाग को इस संबंध में नियमों में बदलाव करने और आवश्यक निर्देश जारी करने को कहा है। इसके अलावा सरकार ने एनपीएस में रहने के इच्छुक कर्मचारियों को लिखित में विकल्प देने को कहा है। भविष्य में जो भी नए कर्मचारी सरकारी सेवा में नियुक्त होंगे, वे पुरानी पेंशन व्यवस्था में आएंगे।
बता दे कि हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान ओल्ड पेंशन स्कीम का मुद्दा जोरो से उठ रहा था, जिसके बाद कांग्रेस ने प्रदेश में सरकार बनने के बाद ओपीएस की बहाली की बात कही थी। सुक्खू सरकार ने 13 जनवरी को ही कैबिनेट की पहली बैठक में ओपीएस बहाली का निर्णय लिया था। अब इसे 1 अप्रैल 2023 को लागू करने का फैसला लिया गया है। हालांकि ओपीएस की बहाली से राज्य सरकार पर काफी आर्थिक बोझ पड़ने वाला है।
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