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सावित्रीबाई फुले की पुण्यतिथि पर जानिए उनके योगदान, लड़कियों के लिए खोला था पहला स्कूल

• LAST UPDATED : March 10, 2023

 

इंडिया न्यूज़, हिमाचल प्रदेश (Savitribai Phule Death Anniversary): आज के समय में लड़कियों के समान शिक्षा के अवसर उपलब्ध है और देश के हर विभाग, मंत्रालय में नौकरी के विकल्प भी मौजूद हैं। लड़कियां न केवल पुरुषों के बराबर उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं बल्कि देश-दुनिया के सभी फील्ड में नौकरी भी कर रही हैं। एक वक्त ऐसा था जब स्थिति बेहद खराब थी। लड़कियों की पढ़ाई-लिखाई पर भी पाबंदी लगी थी। ऐसे में लड़कियों समान शिक्षा का अवसर देने के लिए सावित्रीबाई फुले ने कई कदम उठाए।

  • सावित्रीबाई फुले ने लड़कियों के लिए शिक्षा के समान अवसर के लिए कदम उठाए
  • शिक्षा पर पाबंदी के बावजूद भी उठाए शिक्षा का कदम
  • सावित्रीबाई फुले ने लड़कियों के लिए खोला था पहला स्कूल

सावित्रीबाई ने लड़कियों के लिए खोला पहला स्कूल

देश में पहला स्कूल सावित्रीबाई फुले ने खोला था। यह स्कूल सिर्फ लड़कियों के लिए खोला गया था। समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले ने लड़कियों की शिक्षा के अलावा महिलाओं की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए थे। जब लड़कियों की शिक्षा पर पाबंदी लगी थी तो सावित्रीबाई फुले ने लड़कियों को बेहतर शिक्षा देने के लिए कदम उठाए थे। आज 10 मार्च, 2023 को सावित्रीबाई फुले की पुण्यतिथि है।

सावित्रीबाई का योगदान

भारत में सावित्रीबाई फुले ने अपने पति ज्योतिराव के साथ 1848 में भिडेवाडा में लड़कियों के लिए पहला स्कूल शुरू किया था। वे समाज सुधारक के साथ ही एक दार्शनिक और कवि भी थीं। उनकी कविताएं प्रकृति, शिक्षा और जाति व्यवस्था पर आधारित होती थी। सावित्रीबाई फुले बाल विवाह और सती प्रथा जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लड़ी जा रही लड़ाई में मुखर होकर हिस्सा लेती थी। उन्होंने विधवाओं के लिए आश्रम खोला था और परिवार से त्यागी गई महिलाओं को भी शरण देने का काम करती थी।

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