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Himachal news: हिमाचल प्रदेश (Himachal pradesh) में जेई सिविल और जेओए आईटी परीक्षा में गड़बड़ी, केस दर्ज होने की उम्मीद

• LAST UPDATED : March 15, 2023

इंडिया न्यूज़, हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रेदश (Himachal pradesh) में बीते दिनों हुई भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक का मामला देखने को मिल रहा है। कर्मचारी चयन आयोग की तरफ से कराई गई जूनियर इंजीनियर सिविल और जेओए आईटी की तीसरी भर्ती परीक्षा में जांच के दौरान गड़बड़ी पाई गई है। हालांकि कर्मचारी चयन आयोग को भंग किया जा चुका है। एसआईटी ने दोनों भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी होने की पुष्टि कर दी है। अब इस मामले को लेकर अलग से विजिलेंस थाना हमीरपुर में एफआईआर दर्ज की जाएगी। अभी तक पांच भर्ती परीक्षाओं नें चार एफआईआर दर्ज की जा चुकी है।

हिमाचल प्रदेश में जेई सिविल और जेओए आईटी परीक्षा में पाई गई गड़बड़
एसआईटी ने भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी होने की पुष्टि की है
विजिलेंस कर रही मामले की जाचं
इससे पहले भी परीक्षाओं में पाई गई थी गड़बड़ी

इन भर्ती परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी

हिमाचल प्रदेश में साल 2022 के दिसंबर महीने में हुई भर्ती परीक्षा में पेपर लीक होने का मामला सामने आया था। जिसके बाद से विजिलेंस पेपर लीक मामले को लेकर जांच शुरू कर दी है। जिन परीक्षाओं में गड़बड़ी पाई गई है उनमें पोस्ट कोड 965 जेओए आईटी, पोस्ट कोड 939 जेओए आईटी-2, पोस्ट कोड 1003 कंप्यूटर ऑपरेटर, पोस्ट कोड 1036 जूनियर ऑडिटर, पोस्ट कोड 980 कला अध्यापक की भर्ती परी शामिल हैं।

ये लोग हैं पेपर लीक मामले में आरोपी

पेपर लीक मामले में विजिलेंस ने आयोग के पूर्व सचिव एवं एचएएस अधिकारी डॉ. जितेंद्र कंवर, गोपनीय शाखा की वरिष्ठ सहायक उमा आजाद, दो चरपासी मदन लाल, किशोरी लाल, दलाल संजीव कुमार, दलाल का भाई शशिपाल, उमा के दो बेटे नितिन और निखिल, नीरज कुमार, अभ्यर्थी तनु शर्मा, अजय शर्मा, सुनीता देवी, विशाल और दिनेश कुमार समेत 14 लोगों को परीक्षा में गड़बड़ी के किए जाने के लिए आरोपी बनाया है। इस मामले में विजिलेंस मुख्यालय शिमला में मामला दर्ज किए जाने की मांग की गई है।

नामजद अभ्यर्थी सुनीता देवी की जमानत याचिका हुई रद्द

पोस्ट कोड 980 कला अध्यापक मामले में नामजद महिला अभ्यर्थी सुनीता देवी ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी जिसे हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। अब विजिलेंस सुनीता को आसानी से गिरफ्तार कर सकती है। वहीं जिजिलेंस शिमला के डीआईजी जी शिवा कुमार ने कहा कि अभी तक मामले में चार एफआईआर दर्ज हो चुकी है। दो अन्य भर्ती परीक्षाओं की जांच चल रही है। इसमें भी एफआईआर दर्ज किए जाने की उम्मीद है। इस मामले में लिप्त पाए जाने वाले किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।

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