इंडिया न्यूज़, हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद पूर्व की सरकार के द्वारा खोले गए 900 संस्थानों को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के द्वारा डिनोटिफाइ़ड किए जाने पर बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने सीएम सुक्खू पर हमाला बोला हैं। पूर्व सीएम ने कहा कि कांग्रेस की नई सरकार बनते ही सबसे पहले हिमाचल में विभिन्न विभागों की करीब 900 संस्थान सरकार ने बंद कर दिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कह रही है कि पूर्व की सरकार ने इस योजना में संस्थानों को जल्दबाजी में खोला है। शांता कुमार ने कहा कि उन्हें इस बात का दुख है कि इन 900 संस्थानों को बंद करने में सुक्खू सरकार ने जल्दबाजी की है।
सीएम सुक्खू पर पूर्व सीएम शांता कुमार का हमला
संस्थानों को बंद करना बताया जल्दबाजी का फैसला
प्रदेश में बिजली महंगी कर जनता पर बोझ ना पड़े– शांता कुमार
संस्थानों को बंद करना सीएम की जल्दबाजी
स्कूलों को बंद किए जाने पर शांता कुमार ने कहा कि जिस स्कूल में कोई बच्चा नहीं था उसे बंद करना उचित है। वही अगर जिन स्कूलों में छात्र और अध्यापक आ गए है और पढ़ाई शुरु हो गई है। उन स्कूलों को बंद करने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जिन संस्थानों में डॉक्टर पहुंच गए है और जिनमें दवाइयों का वितरण शुरु हो गया है, ऐसी संस्थाओं को इतनी जल्दबाजी में बंद करना जनता के साथ बहुत बड़ा अन्याय है। सरकार गुण दोष के आधार पर कुछ संस्थाओं को बंद करती तो अधिक अच्छा होता।
बिजली महंगी कर जनता पर नहीं पड़ना चाहिए कोई बोझ
पूर्व सीएम शांता कुमार ने कहा कि प्रदेश के साधन बढ़ाने के लिए वाटर सैस का कांग्रेस सरकार का निर्णय अच्छा है। इससे प्रदेश में को 4 हजार करोड़ रुपये की वार्षिक आय होगी। वहीं बाद में बिजली महंगी करके यह बोझ जनता पर नहीं पड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि मुख्यमंत्री रहते हुए हिमाचल की पनबिजली परियोजनाओं में 12% मुफ्त बिजली रॉयल्टी के रूप में लेने का निर्णय मैंने करवाया था। इसका जनता पर सीधा कोई बोझ नहीं है।
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