Himachal pradesh: जिला लाहौल स्पीति में सामरिक महत्त्व का शिंकुला दर्रा मार्ग सीमा सड़क संगठन के योजक परियोजना ने आज हल्के वाहनों के लिए खोल दिया है। जनवरी माह में भारी हिमपात होने के कारण यह मार्ग बंद कर दिया गया था। शिंकुला दर्रा को फोर बाई फोर वाहनों के लिए खोल दिया गया है। सीमा सड़क संगठन योजक परियोजना के निदेशक कर्नल विकास गुलिया ने वाहनों को हरी झंडी दिखाकर जन्सकर की ओर से आए वाहनों को 16,580 फुट ऊंचे दर्रे के टॉप से मनाली चंडीगढ़ की ओर आज रवाना किया।
सामरिक दृष्टि के चलते योजक परियोजना ने इस नीमू पदम दारचा एनपीडी 300 किलोमीटर सड़क मार्ग को ऑल वेदर रोड बनाने के लिए कवायत तेज कर दी है। इस मार्ग को 23 जनवरी तक बहाल रखा गया था लेकिन शिंकुला दर्रा पर भारी हिमपात होने के चलते बंद कर दिया गया था, जिसे 2 महीने के अंतराल पर पुनः एक बार बहाल किया गया है। परियोजना निदेशक कर्नल विकास गुलिया ने कहा कि योजक परियोजना शिंकुला दर्रा में 4 किलोमीटर के करीब लंबी सुरंग का निर्माण कार्य जल्द आरंभ करने जा रही है। इस सुरंग के निर्माण कार्य पर 1650 करोड़ के करीब निर्माण लागत का अनुमान है।
उपायुक्त जिला लाहौल स्पीति सुमित खिमटा ने बताया कि इस मार्ग की संवेदनशीलता और वर्तमान में मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, उन्होंने बताया कि एसडीएम पदुम, एसडीएम लाहौल, बीआरओ अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद इस मार्ग पर यात्रा करने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केवल फोर बाई फोर हल्के वाहनों को ही यात्रा करने की अनुमति होगी। इस मार्ग पर सुबह 09 बजे से दोपहर 03 बजे तक ही आवाजाही की अनुमति होगी। आगामी आदेश तक दारचा से आगे पर्यटकों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी।
कर्नल विकास गुलिया ने इस अवसर पर मार्ग की बहाली में जुटे अधिकारियों व श्रमिकों को सम्मानित किया। इस अवसर पर ऑफिसर कमांडिंग योजक परियोजना 126 आरसीसी अरविंद कुमार, ऑफिसर इंचार्ज अरविंद त्रिपाठी, सिद्धांत देशमुख, एसडीएम जंस्कार सोनम दोरजे सरपंच सोनम नोरबू सहित अन्य योजक परियोजना के अधिकारीगण मौजूद रहे।
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