Himachal News: हिमाचल के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक बार फिर यह साबित कर दिया की जन समस्याओं के निवारण लिए किसी विशेष मंच की आवश्यकता नहीं। किस्सा आज सुबह का है, रोजमर्रा की तरह सीएम सुक्खू शिमला स्थित सीएम आवास से सुबह-सुबह सैर पर निकले हुए थे। तभी उन्हें वर्षाशालिका में बैठी हुई कुछ महिलाएं दिखीं। अब उन महिलाओं की किस्मत कहिए या मुख्यमंत्री का बड़प्पन। वो महिलाएं कांगड़ा जिला से रात्रि बस सेवा से अपने दुख-दर्द लेकर मुख्यमंत्री से मिलने का समय लेना के लिए पहुंची हुई थी।
सीएम सुक्खू सुबह रोज की तरह सैर पर निकले, तो उन्होंने वर्षाशालिका में बैठी उन महिलाओं से पुछा कि इतनी सुबह यहां कैसे और क्यों बैठी हुई है। तभी सीएम सुक्खू को पता चला कि यह सभी ट्रेंड नर्सरी टीचर्स (एनटीटी) की महिलाएं है, जो अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने आई हैं। उनकी मांग थी कि ट्रेंड नर्सरी टीचर्स जो पहले से लगी हुई हैं, उन्हें नौकरी में पहले लिया जाए और प्री-प्राइमरी स्कूल में शीघ्र नर्सरी टीचर्स की भर्ती करवाए जाने के लिए भी आग्रह किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने अपना दरबार वहीं लगा लिया, और उनकी बात सुनी।
बता दे कि हिमाचल में बीते दिन विधानसभा में सीएम सुक्खू के द्वारा जंन मंच को बंद किए जाने पर खूब हंगामा हुआ था। बीजेपी का कहना है कि जनमंच में शहर से लेकर ग्रामीण स्तर तक लोगों की समस्या का घर-द्वार पर निवारण होता था। वहीं सुक्खू सरकार जनमंच को लंचमंच करार दिया है। वहीं आज सुबह महिलाओं से ऐसे मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह संदेश भी दे दिया की जन सेवा के लिए निष्ठा और लगन की जरूरत होती है न कि किसी विशेष स्थान या मंच की।
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