Himachal News: हिमाचल में बिजली और पानी की किमतों में बढ़ोतरी होने के बाद विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। सरकार ने घरेलू बिजली की दरों पर 22 पैसे यूनिट और पेयजल की का दरों पर 10 प्रतिशत का वृद्धि की है। इस पर कम्यूनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) ने प्रदेश सरकार द्वारा बिजली व पानी की दरों में की गई वृद्धि की कड़ी निन्दा की है। इसके अलावा सरकार से मांग की है कि सुक्खू सरकार इस वृद्धि को तुरन्त वापिस ले। वहीं कम्यूनिस्ट पार्टी का कहना है कि विधानसभा चुनाव के दौरान 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने की गारंटी को तुरंत प्रभाव से लागू कर जनता को राहत प्रदान करे। इसके साथ ही पार्टी ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि सरकार तुरन्त जनता पर महंगाई का बोझ डालने वाले इस निर्णय को वापिस नही लेती तो पार्टी इसको लेकर जनता को लामबंद कर इस जनविरोधी निर्णय को वापिस लेने के लिए आंदोलन चलाएगी।
कम्यूनिस्ट पार्टी ने कहा कि प्रदेश में सुक्खू सरकार ने एक अप्रैल से कई चीजों की दरों पर इजाफा किया है। प्रदेश सरकार द्वारा अप्रैल से बिजली की दरों में 22 से 46 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि और पेयजल की दरों में भी 10 प्रतिशत की वृद्धि की है। वहीं इससे पहले भी प्रदेश सरकार ने जनवरी के महीने में डीजल की दरों में 3 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि की थी। केन्द्र सरकार की नीतियों के चलते जनता पहले ही मंहगाई से त्रस्त है अब प्रदेश सरकार के द्वारा बिजली, पानी जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की दरों में वृद्धि से महंगाई बढ़ेगी और जनता पर और अधिक आर्थिक बोझ पड़ेगा।
पार्टी ने कहा कि शिमला शहर में भी सरकार के बिजली, पेयजल की दरों मे वृद्धि के साथ ही साथ कूड़ा उठाने की फीस में भी अप्रैल से 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है और अब घरेलू दर बढ़ा कर 117 रुपए प्रति माह कर दी गई है। जोकि वर्ष 2017 में 40 रुपए प्रति माह थी। गत पांच वर्षो में यह 300 प्रतिशत बढ़ा दिया है। सरकार द्वारा एक अप्रैल को बढ़ाई गई इन दरों के करण आम जनताओं पर टैक्स का खासा बौझ पड़ेगा। विपक्ष इस पर सरकाार को घेरते हुए कह रही है कि बिजली, पानी व अन्य मूलभूत आवश्कताओ को महंगा कर जीवनयापन कठिन किया जा रहा है।