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Himachal News: पुनर्मूल्यांकन के परिणाम घोषित न करने पर विद्यार्थियों का धरना प्रदर्शन, पीएचडी दाखिलों पर सवालों के घेरे में विश्वविद्यालय

• LAST UPDATED : April 4, 2023

Himachal News: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश की विवि इकाई द्वारा वी सी कार्यालय के बाहर स्नातक परीक्षाओं के पुनर्मूल्यांकन के परिणाम घोषित करने में देरी को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया। विद्यार्थी परिषद का कहना है कि 5 माह पहले विश्व विद्यालय द्वारा स्नातक कक्षाओं के परिणाम घोषित किए गए थे, लेकिन उनमें कई तरह की गलतिया को देखने को मिली | जब परिषद द्वारा विश्वविद्यालय में प्रशासनिक अधिकारियों से इस विषय पर बात की गई तो प्रशासन द्वारा छात्रों को आश्वासन दिया गया कि मूल्यांकन में आई कमियों को लेकर छात्र पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन करे जिसका परिणाम हम एक माह के भीतर घोषित करेंगे | लेकिन चिंतनीय विषय यह है की लगभग 5 माह का समय होने को आया है, लेकिन प्रशासन पूर्ण रूप से परिणाम घोषित करने में असफल रहा है ।
इकाई अध्यक्ष करण ने कहा कि पिछले वर्ष पीएचडी मामलों को लेकर प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्र संगठनों ने पीएचडी दाखिला प्रणाली को लेकर कई सवाल उठाये थे। उसी तरह इस वर्ष भी विद्यार्थी परिषद विश्वविद्यालय इकाई एक मामला उठाते हुए कहा कि नियमों को ताक पर रखते हुए प्रदेश विश्वविद्यालय सरकार के दबाव के कारण अपने चहेतों की पीएचडी रिवाइव करवाने का काम कर रही है।

100 से अधिक ऐसे शोधार्थी हैं जिनकी पीएचडी कैंसिल हो चुकी

गौरतलब है कि प्रदेश विश्वविद्यालय में 100 से अधिक ऐसे शोधार्थी हैं जिनकी पीएचडी कैंसिल हो चुकी है। लेकिन प्रदेश विश्वविद्यालय किसी एक व्यक्ति विशेष की पीएचडी को सरकारी दबाव के कारण रिवाइव कर अन्य शोधार्थियों के साथ अन्याय करने का काम कर रही है। करण ने कहा कि नियमों के अनुसार अगर किसी शोधार्थी की पीएचडी कैंसिल हो जाती है तो उसे फिर से दाखिला नहीं मिलता है, लेकिन प्रदेश विश्वविद्यालय प्रशासन किसी एक व्यक्ति विशेष के पीएचडी मे फिर दाखिला देकर नियमों को तोड़ रही है।

सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन को दि चेतावनी

विद्यार्थी परिषद का यह मानना है कि किसी एक व्यक्ति विशेष को इस तरीके से नियमों को ताक पर रखते हुए फिर दाखिला देना गलत है। अगर विश्वविद्यालय पीएचडी में फिर से दाखिला देना चाहता है तो सभी ऐसे शोधार्थियों को जिनकी पीएचडी कैंसिल हुई है, उन सभी को फिर से दाखिला दे। विद्यार्थी परिषद में विश्वविद्यालय प्रशासन सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकारी दबाव के कारण किसी व्यक्ति विशेष की पीएचडी में रीएडमिशन होती है तो विद्यार्थी परिषद के विरोध का सामना विश्वविद्यालय प्रशासन वह सरकार को करना पड़ेगा।

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