Tracking In Himachal: हिमाचल प्रदेश हिमालय पर्वत की गोद में बसा एक बेहद ही खूबसूरत और रहस्यमयी जगहों का केंद्र है। यहां इतिहास से जुड़ी कई धर्मिक जगहें जैसे बिजली महादेव, भीम कंचन, ज्वालादेवी मंदिर और शक्तिपीठ नैना देवी मंदिर आदि स्थल शामिल है। इसके अलावा हिमाचल में कई शानदार पर्यटन स्थल है जिसका दीदार करने के लिए देश- विदेश से पर्यटक हिमाचल प्रदेश का रूख करते है। वहीं प्रदेश में हिमालय के मध्य पर्वत में कई ऊंची-ऊंची ऐसी पहाड़ी भी है, जहां ट्रौकिंग का शौक रखने वाले यूथ अक्सर आया करते है। गर्मियों में मई-जून के महीने में इन जगहों में पर्यटकों और ट्रैकिंग करने वाले लोगों का एक हुजूम उमड़ पड़ता है। अगर आप भी इस ट्रैकिंग का शौक रखते है तो आप भी जरूर एक बार इन जगहों का दीदार करें।
पिन पार्वती दर्रा (Pin Parvati Pass)
अगर घुमने के शौकीन है और आप एडवेंचर ट्रिप पर जाना चाहते हैं, तो पिन पार्वती दर्रा जरूर जाएं। ट्रैकिंग और हाईकिंग के लिए सबसे खतरनाक स्पॉट में पिन पार्वती दर्रा की गिनती होती है। हर मोड़ पर आपको एडवेंचर का अहसास मिलेगा। पिन पार्वती दर्रा में हाईकिंग 10 दिनों में पूरी होती है। ट्रैकिंग पूरी करने के बाद हॉट स्प्रिंग बॉथ जरूर करें। ऐसा कहा जाता है कि हाईकिंग के बाद हॉट स्प्रिंग बॉथ जरुरी है।
व्यास कुंड दर्रा (Beas Kund Trek)
अगर आप ट्रैकिंग में फ्रेशर है तो आप व्यास कुंड दर्रा जा सकते है। यहां फ्रेशर और एक्सपेरिएंस्ड दोनों ही तरह के पर्यटक हाईकिंग के लिए जाया करते हैं। व्यास कुंड कुल्लू जिले में स्थित है। व्यास कुंड में ट्रैकिंग ऊंचाई 13 हजार फ़ीट है। वहीं, ट्रैकिंग दूरी कुल मिलाकर 16 किलोमीटर है। जानकारों की मानें तो ट्रैकिंग करने में कुल मिलाकर दो दिन लगते हैं। आप चाहे तो घाटी में आकाशीय खूबसूरती देखने के लिए सोलंग वैली में टेंट डालकर रात बिता सकते हैं।
हामटा पास दर्रा (Hampta Pass Trek)
ट्रैकिंग की शुरुआत करने वाले ट्रैकर के लिए हामटा पास दर्रा सबसे बहतर पॉइंट है। हालांकि, 14 हजार फ़ीट की ऊंचाई तक हाईकिंग करनी पड़ती है। इस दर्रे में घना जंगल है। अगर आप पहली बार हाईकिंग पर जाना चाहते हैं, तो हामटा पास दर्रा जरूर जाना चाहिए।
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