इंडिया न्यूज, Himachal: शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक आदर्श राज्य के रूप में उभरा है। इसमें हिमाचल निर्माता एवं प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि डॉ. परमार की अगुवाई में ही हिमाचल प्रदेश को अस्तित्व में लाने और अलग राज्य बनाने के लिए संघर्ष किया गया था। इसके अतिरिक्त उन्होंने हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्यत्व का दर्जा देने में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के योगदान की भी सराहना की। बता दे कि हिमाचल दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर आज शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर आयोजित जिला स्तरीय समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के साथ-साथ वीर भूमि भी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सेना तथा सुरक्षा बलों में सेवा प्रदान करना गौरव की बात है तथा यहां के लोगों द्वारा देश के लिए कुर्बानी देने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है। प्रदेश की विकास यात्रा बहुत लंबी रही है तथा विकट भौगोलिक परिस्थितियां होने के बावजूद भी आज राज्य में 41000 किलोमीटर से अधिक लम्बी सड़कें मौजूद हैं। दुर्गम क्षेत्रों में उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए 147 राजकीय महाविद्यालय उपलब्ध हैं तथा राज्य में 6 मेडिकल कॉलेज की सुविधा भी उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिपेक्ष्य में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 2 लाख 22 हजार रुपए से अधिक है।
वहीं शिक्षा मंत्री ने शिमला के मांटा निवासी शहीद रायफलमेन कुलभुषण के माता-पिता श्रीमती दुरमा देवी व श्री प्रताप सिंह तथा उनकी पत्नी नीतू को सम्मान पत्र, शॉल, टोपी व मफलर देकर सम्मानित किया। उन्होंने बताया कि कुलभुषण मांटा 27 अक्तूबर 2022 को भारतीय सेना की 52 आरआर टुकड़ी के सदस्य के रूप में आतंकवादियों से लोहा लेने के लिये तैनात थे तथा मुठभेड़ के दौरान भारत माता की सेवा करते हुए 27 वर्ष की आयु में शहीद हुए तथा हमेशा के लिये अमर हो गए। उन्होंने कहा कि भारत माता के सपूत अमर शहीद कुलभुषण मांटा की शहादत को हमेशा याद किया जायेगा।
ये भी पढ़ें- Himachal Day 2023: सीएम सुक्खू ने काजा में मनाया हिमाचल दिवस, कर्मचारियों को महंगाई किस्त देने की कही बात