India news (इंडिया न्यूज़), Kiratpur-Nerchowk Highway, हिमाचल प्रदेश: गर्मी के मौसम में सैलानी हिमाचल प्रदेश आने की योजना बना रहें, इसी बीच उनके लिए एक अच्छी खबर निकलकर सामने आ रही है। कीरतपुर से नेरचौक तक नेशनल हाईवे को फोरलेन करने का अपने अंतिम चरण में है। 15 मई तक इसको यातायात के लिए खोलने की बात कही जा रही है। इस हाईवे के बन जाने से कीरतपुर चौक से नेरचौक तक की दूरी में 37 किलोमीटर की कमी हो जाएगी। किरतपुर-नेरचौक फोरलेन का संचालन शुरू होने के बाद चंडीगढ़ से मनाली पहुंचने 8 घंटे की जगह 6 घंटे लगेंगे। वहीं, कीरतपुर से मनाली तक भी इस हाईवे को फोरलेन करने पर कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में कीरतपुर से नेरचौक की दूरी 114 किलोमीटर है, फोरलेन बन जाने से ये दूरी 77 किलोमीटर रह जाएगी।
इस फोरलेन पर वाहनों के संचालन के बाद मां नयना देवी के मंदिर, गोबिंद सागर झील और एम्स बिलासपुर तक पहुंचने में लोगों को आसानी होगी। ये फोरलेन मनाली तक जाएगा, जो सेनाओं के लिए भी मददगार होगा। इस मार्ग से सेना को लद्दाख तक पहुंचने में आसानी होगी। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे हिमाचल में भी फोरलेन करने पर काम चल रहा है। इस काम को कई खंडों में बांटकर कर किया जा रहा है। सबसे पहले कीरतपुर-नेरचौक खंड पर काम समाप्त होगा।
शिमला-कालका हाईवे को भी फोरलेन करने के लिए काम किया जा रहा है। इस पूरे प्रोजेक्ट पर 2070 करोड़ रुपए का खर्च आने का अनुमान है। कालका-शिमला एनएच को फोरेस्ट क्लीयरेंस मिलने के बाद कैंथलीघाट-शकराल खंड पर काम शुरू कर दिया गया। इस खंड को ढाई साल में फोरलेन करने का लक्ष्य रखा गया है। शिमला-कालका हाईवे के शकराल-ढली खंड पर वन विभाग से क्लीरेंस नहीं मिल पाया है। इसके लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है। शकराल से ढली तक करीब 11 किलोमीटर नेशनल हाईवे का निर्माण किया जाना है।
कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर कंडाघाट में 667 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। इस सुरंग का 75 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है। टनल के रास्ते में पानी का टैंक आ जाने से परेशानी का सामना करना पड़ा था। लेकिन अब एनएचएआई ने कहा है सभी समस्याओं का समाधान कर लिया गया है और तय समय पर सुरंग का निर्माण कर लिया जाएगा।
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