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Adani Group: हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद पहली बार बैंको का अडानी ग्रुप (Adani Group) पर भरोसा, कर्ज देने के लिए तैयार

• LAST UPDATED : April 28, 2023

India news: (इंडिया न्यूज़), Adani Group, बिजनेस डेस्क: अमेरिका की शॅार्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने तीन महीने पहले एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें अडानी ग्रुप (Adani Group) को लेकर कई नकारात्मक बातें कहीं गई थी। रिपोर्ट के आने के बाद से अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई थी। उसके बाद अडानी ग्रुप (Adani Group) ने लोगों का भरोसा जीतने के लिए तमाम तरह के उपायों को अपनाना शुरू कर दिया था। वहीं अब बैंको ने अडानी ग्रुप पर भरोसा करते हुए कर्ज देने के लिए तैयार हो गए हैं। पहले कर्ज देने वाले बैंको की संख्या 18 थी जो अब बढ़कर 25 हो गई है। इन बैंकों में दो बैंक अमेरिका, तीन यूरोप और जापान के बैंक शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2023 के अंत में अडानी ग्रुप पर 2.27 लाख करोड़ का कर्ज था। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद क्रेडिट सुइस सहित यूरोप के चार बैंकों ने अडानी ग्रुप से निवेश को वापस ले लिया था।

  • हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद बैंकों ने अडानी ग्रुप को कर्ज देने के लिए तैयार
  • रिपोर्ट के आने के बाद ग्रुप के पैदा हो गया था संकट
  • वित्तीय वर्ष 2023 के अंत में ग्रुप पर 2.27 लाख करोड़ का था कर्ज

दुनिया के कई बैंकों ने जताया भरोसा

मिली जानकारी के मुताबिक, दुनिया के कई बैंकों ने अडानी ग्रुप को कर्ज देने की बात कही है। इन बैंकों में मित्सुबिशी यूएफजी, सुमितोमो मित्सुई, मिजूहो, स्टैंडर्ड चार्टर्ड, बार्कलेज और डॉयचे जैसे बैंक शामिल हैं। बैंकर्स के अनुसार अडानी ग्रुप का ग्रॅास एसेट्स की वैल्यू 575,000 करोड़ रुपए हैं। ग्रुप का कर्ज बॅान्ड्स 39 फीसदी है जिसमें 29 प्रतिशत ग्लोबल बैंकों का कर्ज है। बाकी के बचे 32 फीसदी कर्ज पीएसयू, प्राइवेट बैंक और एनबीएफसी से लिए गए हैं। एसबीआई बैंक की तरफ से कहा गया था कि उनका कुल लोन बुक का 0.9 फीसदी अडानी ग्रुप में के पास है।

एलआईसी का ग्रुप में भागीदारी

एलआईसी ने अडानी ग्रुप की चार कंपनियों में निवेश किया है। इनमें अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी ग्रीन और अडानी टोटल गैस कंपनियां शामिल हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में करीब एक महीने तक भारी गिरावट देखी गई। इससे ग्रुप का मार्केट कैप घटकर आधा यानी 9.56 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया था। ग्रुप ने निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए कई योजनाओं को रोक दिया।

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