India News(इंडिया न्यूज़) Himachal: हिमाचल प्रदेश के अलावा पुरे उत्तर भारत में बेमौसम बारिश की वजह से किसानों और बगवानों को अपनी फसल को लेकर काफी नुकशान का सामना करना पड़ रहा है। मई के महीने में हो रही तेज बारिश और ओलावृष्टि ने गेंहू की पकी पकाई फसल को पूरी तरह बरबाद कर दिया है।
लगातार बेमौसम बारिश को लेकर आज राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने प्रदेश में हुए नुकसान की समीक्षा बैठक की। इस बैठक में सभी उपायुक्तों को राहत एवं बचाव कार्य प्राथमिकता के आधार पर करने तथा बेमौसमी बारिश से फसलों को होने वाले नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान सम्बंधित अधिकारियों से राहत व बचाव कार्यों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने राज्य में प्रत्येक पंचायत व ग्राम स्तर पर 8 से 10 स्वयंसेवकों को आपदा प्रबन्धन का प्रशिक्षण देने तथा राहत व बचाव कार्यों के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। ताकि किसी भी आपदा के समय राहत व बचाव कार्य तुरंत शुरू किया जा सके। उन्होंने ज़िलों में स्थित होमगार्ड प्रशिक्षण संस्थानों को आपदा प्रबन्धन प्रशिक्षण के लिए उपयोग करने के निर्देश भी दिए।
वहीं प्रधान सचिव राजस्व ओंकार चंद शर्मा ने राजस्व मंत्री को आपदा प्रबन्धन अधिनियम के प्रावधानों तथा राजस्व-आपदा विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया।
उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा भूकम्प-रोधी भवनों के निर्माण के लिए मिस्त्रियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त अस्पताल, विद्यालयों व अन्य प्रमुख भवनों की रैट्रोफिटिंग भी की जा रही है ताकि भूकम्प के समय सम्भावित नुकसान को कम किया जा सके।