India news (इंडिया न्यूज़), Shimla News, शिमला: हिमाचल प्रदेश में शिमला डेवलपमेंट प्लान के तहत होने वाले निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। कोर्ट ने पहले ड्राफ्ट पर दर्ज की गई आपत्तियों को निपटाने का आदेश जारी किया है। उसके बाद ही प्लान को अंतिम रूप दिया जा सकता है। अंतिम प्लान तैयार होने के बाद जब तक राजपत्र में प्रकाशित न हो जाएं तब तक इसे लागू न किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने ड्राफ्ट प्लान के तहत हो रहे निर्माण पर ध्यान देने के लिए हिमाचल हाई कोर्ट को स्वतंत्रता दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को निर्देश दिया है कि अवैध निर्माण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जल्द कार्रवाई की जाए। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को निर्धारित की है। अदालत को बताया गया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशाें के कारण शिमला डेवलपमेंट ड्राफ्ट प्लान को अंतिम रूप से तैयार नहीं किया जा सका। ऐसा बताया गया कि सरकार ने विशेषज्ञों की सिफारिशों के आधार पर इस प्लान को 8 फरवरी 2022 को बनाया गया था।
क्या है शिमला डेवलपमेंट प्लान
शिमला शहर के कोर और ग्रीन एरिया में भवन निर्माण पर एनजीटी ने साल 2017 में रोक लगा दी थी। शहरों और प्लानिंग एरिया में सिर्फ ढाई मंजिल भवन निर्माण करने का आदेश था। इसे इन पाबंदियों को राहत देने के लिए टीसीपी विभाग से नया डेवलपमेंट प्लान तैयार करने का आदेश जारी किया था, जिसके बाद इस प्लान को तैयार किया गया था। इसमें शहर और ग्रीन एरिया में लगे प्रतिबंध को हटाने का प्रावधान किया गया था। शहर में ढाई मंजिला भवन निर्माण की शर्त को भी खत्म करने का फैसला लिया गया है। इस प्लान को कैबिनेट से भी मंजूरी मिल गई थी। विधि विभाग की तरफ से इसके लिए अधिसूचना भी जारी की जाने वाली थी। इससे पहले एनजीटी ने प्लान पर रोक लगाकर अवैध करार दिया था।
याचिका में परियोजना के लागू करने की कही बात
याचिका में कहा गया है कि यह परियोजना शिमला शहर के लिए महत्वपूर्ण है। इसके लागू हो जाने से शहर के लोगों की दिनचर्या आसान होने लगेगी। अगर ये परियोजना लागू हो जाती है तो शिमला शहर को ट्रैफिक की समस्या से थोड़ा राहत मिलने लगेगी। शहर के लोगों के जीवन को आसान बनाने की दिशा में यह एक अच्छा कदम होगा।