India news (इंडिया न्यूज़), Bilaspur news, हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला के घुमारवीं उपमंडल के तहत कंदरौर ब्रिज के समीप गोविंद सागर झील के किनारे चल रही सिचाईं योजना के कार्य में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। जब डंपिंग के दौरान धड़ल्ले से पहाड़ी की मिट्टी को गोविंद सागर झील में फेंका जा रहा था तभी ये लापरवाही सामने आई। गौरतलब है कि जलशक्ति विभाग घुमारवीं की तरफ से एक चंडीगढ़ की कंपनी को सिचाईं योजना निर्माण का कार्य सौंपा गया है।
इसके निर्माण के बाद गोविंद सागर झील के पानी को सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। मगर निर्माण कार्य के दौरान कंपनी द्वारा लगाई गई जेसीबी पहाड़ी की मिट्टी को झील में ही डंप करने का काम कर रही हैं। जिससे झील का अस्तित्व खतरे में आ गया है।वहीं जब सिचाईं योजना निर्माण कार्य कंपनी के सदस्य से इस बारे में पूछा गया तो वह गोलमोल जबाव देते हुए झील में फेंकी जा रही मिट्टी को बाद में उठाने का बहाना बनाते दिखाई देते हैं।
वहीं मात्स्यिकी निदेशालय हिमाचल प्रदेश के निदेशक सतपाल मेहता का कहना है कि गोविंद सागर झील में लगातार मछली उत्पादन में कमी आने की मुख्य वजहों में डंपिंग भी है जिससे मछलियों की ब्रीडिंग व फीडिंग पर सीधा असर पड़ रहा है। साथ ही उन्होंने इस मामले के सम्बंध में जलशक्ति विभाग से पत्राचार के जरिए बात कर उचित कार्रवाई अमल में लाने की बात कही है।
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