इंडिया न्यूज, शिमला :
National Science Day Celebrated in Palampur : गवर्नर राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) ने कहा कि विज्ञान का वास्तविक उपयोग समाज के हित में होना चाहिए।
राज्यपाल ने आज कांगड़ा जिले के सीएसआईआर-हिमालय जैव-संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, पालमपुर (CSIR-Himalayan Institute of Bio-resource Technology, Palampur) में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही।
राज्यपाल ने कहा कि विश्व ने इस दिन प्रख्यात वैज्ञानिक सीवी रमन के वैज्ञानिक आविष्कार को मान्यता प्रदान की और उनके द्वारा दिए गए रमन इफैक्ट पर देश को गर्व है।
उन्होंने कहा कि विज्ञान जीवन का एक अभिन्न अंग है और कई वैज्ञानिक आविष्कार हमारे पूर्वजों के विचारों से प्रेरित हैं।
आर्लेकर ने कहा कि हमारी मानसिक सोच की कमी कहीं न कहीं हमें सोचने पर मजबूर कर देती है कि यह आज का ही शोध है। उन्होंने कहा कि हमारे ऋषि-मुनियों का शोध आज भी प्रासंगिक है और दुनिया में इसे अब स्वीकार किया जा रहा है।
आर्लेकर ने कहा कि हमने अध्यात्म को विज्ञान से जोड़ा है ताकि विज्ञान का उपयोग मानव कल्याण के लिए किया जाए। उन्होंने कहा कि यह देश के अग्रणी संगठन वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद की प्रतिष्ठित प्रयोगशाला है।
इस वर्ष के राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का विषय सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण है।
उन्होंने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि यह संस्थान देश के साथ-साथ हिमाचल और अन्य पहाड़ी लोगों के लिए प्रासंगिक प्रौद्योगिकी के विकास और प्रसार के लिए कार्यरत है।
आर्लेकर ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि सीएसआईआर-आईएचबीटी (CSIR-IHBT) में अनुसंधान कार्य समाज के हित में किया जा रहा है और अधिकांश शोध कृषक कल्याण के लिए समर्पित हैं।
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक खोज से समाज को लाभ होना चाहिए और यही हर वैज्ञानिक का लक्ष्य होना चाहिए।
इस अवसर पर सीएसआईआर-आईएचबीटी के निदेशक संजय कुमार ने राज्यपाल का स्वागत किया और कहा कि संस्थान राष्ट्रहित में कार्य करना निरंतर जारी रखेगा।
उन्होंने कहा कि संस्थान का उद्देश्य सामाजिक, औद्योगिक और पर्यावरणीय लाभ के लिए हिमालयी जैव संसाधनों के उपयोग के माध्यम से जैव अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करना है।
उन्होंने कहा कि संस्थान के पास इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए एग्रो टेक्नोलाजी, बायो टेक्नोलाजी, केमिकल टेक्नोलाजी, डायटेटिक्स एवं न्यूट्रिशन टेक्नोलाजी और पर्यावरण प्रौद्योगिकी सहित 5 प्रमुख तकनीकी प्लेटफार्म हैं।
संजय कुमार ने कहा कि एससीआईमैगो इंटरनेशनल (SCimago International) ने देश के 37 सीएसआईआर संस्थानों में सीएसआईआर-आईएचबीटी को 9वें स्थान पर और नेचर रैंकिंग इंडेक्स-2020 द्वारा सीएसआईआर को देश में शीर्ष वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान के रूप में स्थान दिया गया है।
उन्होंने कहा कि सीएसआईआर-आईएचबीटी ने जून, 2015 से 62 तकनीक विकसित की हैं और पिछले 6 वर्षों के दौरान कुल 481 समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षरित किए हैं।
उन्होंने कहा कि इस संस्थान से वर्तमान में 50 स्टार्टअप और 17 इनक्यूबेट जुड़े हुए हैं।
संजय कुमार ने इनक्यूबेटीज, स्टार्ट-अप और उद्यमियों के साथ भी बातचीत की। उन्होंने सीएसआईआर-आईएचबीटी, पालमपुर की प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के प्रयासों की सराहना की।
राज्यपाल ने संस्थान के नए प्रयोगशाला ब्लाक की आधारशिला रखी। उन्होंने परिसर में एक येलो बेल का पौधारोपण भी किया। इसके पश्चात उन्होंने ट्यूलिप गार्डन का लोकार्पण भी किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने किसानों को बीज, औषधीय पौधे और पौधों की उन्नत किस्मों का भी वितरण किया। राज्यपाल ने वर्चुअल माध्यम से मंडी, कांगड़ा और चम्बा में स्थापित 6 नई तेल आसवन इकाइयां भी प्रदेशवासियों को समर्पित की।
राज्यपाल ने इन क्षेत्रों के किसानों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत भी की। उन्होंने सीडर हाइड्रोलाइजेट स्टार्ट-अप का शुभारंभ भी किया।
इस अवसर पर राज्यपाल की उपस्थिति में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए 2 समझौता ज्ञापन भी हस्ताक्षरित किए गए। उन्होंने इस अवसर पर संस्थान के प्रकाशनों का भी विमोचन किया।
इस अवसर पर उपायुक्त डा. निपुण जिंदल, पुलिस अधीक्षक डा. खुशाल शर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रगतिशील किसान भी उपस्थित थे। National Science Day Celebrated in Palampur
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