India News (इंडिया न्यूज़) Laddu Gopal: कई हिंदू अपने घरों में लड्डू गोपाल (Laddu Gopa) जी को लेकर आते हैं। ऐसा माना जाता है कि लड्डू गोपाल परिवार के सदस्यों के लिए सुख, समृद्धि और सौभाग्य लेकर आते हैं। साथ ही घर में लड्डू गोपाल जी का आगमन इस बात की संकेत है कि श्री कृष्ण जी अपसे प्रसन्न हैं और वे स्वयं आपके घर आना चाहते हैं। श्री कृष्ण के इस बाल अवतार को एक बच्चे की तरह ही माना जाना चाहिए। बाल गोपाल या लड्डू गोपाल जी श्री कृष्ण के बाल रूप हैं। वह सबसे अधिक पूजे जाने वाले हिंदू देवताओं में से एक हैं। उनका सम्मान किया जाता है और परिवार के सदस्यों की तरह उनकी देखभाल की जाती है। अगर आप भी अपने घर लड्डू गोपाल को लाकर उनकी पूजा करना चाहते है, तो जानें उनकी पूजा करने की विधि…
लड्डू गोपाल श्री कृष्ण जी का बाल रूप हैं, इसलिए उन्हें एक बच्चे की तरह रखना चाहिए। लड्डू गोपाल को प्रेम भाव से रोज़ाना 5 बजे उठकर सबसे पहले नियमित रूप से स्नान करना चाहिए। उनके स्नान के लिए दूध, दही, शहद, गंगाजल और घी का भरपूर प्रयोग करें और फिर शंख में दूध, दही, गंगाजल और घी मिलाकर लड्डू गोपाल को स्नान करांए। लड्डू गोपाल को दूध,दही,घी,गंगाजल बहुत पसंद है।
लड्डू गोपाल को स्नान कराने के बाद एक छोटे बच्चे की तरह तैयार करें। उनके रोजाना वस्त्र बदलें और उन्हें चंदन का टीका लगाए। उन्होंने मौसम के अनुसार वस्त्र पहनाने चाहिए। जैसे- ठंड़ के मौसम में उन्हें गर्म कपड़े पहनाएं। इसके अलावा उनका रोज़ाना श्रृंगार भी करे। जैसे उनके कान की बाली पहनाये, कलाई में कड़ा, हाथों में बांसुरी और मोरपंख जरूर लगाये और साथ ही नारायण तिकल लगायें। उन्होंने तैयार करने के बाद आईना दिखा कर पूछे लड्डू कैसा लगा आज का श्रृंगार?
बाल गोपाल को दिन में कई बार भोग लगाएं। भोग में सिर्फ सात्विक भोजन का ही उपयोग करें। गोपाल जी को माखन-मिश्री बहुत पसंद है। इसलिए उन्हें दिन में के बार माखन-मिश्री का भोग ज़रूर लगाएं। इसके अलावा बूंदी के लड्डू, खीर और हलवा,दूध का भोग भी लगा सकते हैं और आप चाहें तो घर में बने सात्विक भोजन का भोग भी लगा सकते हैं। कहते है कि जिस छोटे बच्चे को बार-बार भूख लगती हैं उसी तरह लड्डू गोपालजी को भी लगती हैं इसलिए उन्हें समय-समय भोजन लगाते रहना चाहिए।
लड्डू गोपाल की नियमित रूप से रोज़ पूजा करें व उनकी आरती करें। दिन में कम से कम चार बार लड्डू गोपाल जी की आरती करना ज़रूरी है।
लड्डू गोपाल जी की आरती के बाद को अपने हाथों से उन्हें भोग लगाएं और इसके बाद लोरी गाते हुए उन्होंने झूला झुलाएं। याद रखें कि झूला झूलते समय झूले के परदों को बंद करें।
लड्डू गोपाल जी को रोज़ाना रात के 9 बजे तक सुलाना चाहिए। लड्डू गोपाल जी को सुलाने से पहले दूध का भोग ज़रूर लगायें और उनके बिस्तर के पास पानी रखें और बोले लड्डू जब प्यास लगे तो पानी पि लेना। लड्डू गोपाल जी को सुलाते समय लोरी ज़रूर सुनाये जैसे माँ यशोदा सुनाती थी।
बाल गोपाल जी को घर का सबसे छोटे सदस्य माने जाते हैं। बाल गोपाल को घर में रखना मतलब एक नन्हे बालक को घर में रखना है। इसीलिए उनका ख्याल भी आपको ठीक एक छोटे बच्चे के जैसे ही रखना होगा। जैसे घर के छोटे बच्चे को अकेला नहीं छोड़ते वैसे ही बाल गोपाल को कभी घर में अकेला न छोड़ें।
अगर आपको लंबे समय के लिए कहीं जाना हैं तो उन्हें साथ लेकर जाएं। अगर संभव ना हो तो पड़ोसी या रिश्तेदार को लड्डू गोपाल की जिम्मेदारी देकर जाएं।
content by: Kashish Goyal