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Himachal: मनरेगा व निर्माण मज़दूरों ने घेरा सचिवालय, हज़ारों मज़दूरों ने सुक्खू सरकार के ख़िलाफ़ किया प्रदर्शन

• LAST UPDATED : June 6, 2023

India News (इंडिया न्यूज़) Himachal: सीटू से सबंधित मनरेगा व निर्माण मज़दूर फेडरेशन के आह्वान पर हज़ारों मज़दूरों ने सुक्खू सरकार के ख़िलाफ़ शिमला में प्रदर्शन किया। जिसका नेतृत्व फेडरेशन के राज्य अध्यक्ष जोगिन्दर कुमार, महासचिव भूपेंद्र सिंह, सीटू के राज्य अध्यक्ष विजेंद्र मैहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने किया।

प्रदेश के सभी जिलों से आये हज़ारों मज़दूर सुबह से ही टोलेंड चौक पर एकत्रित होना शुरू हो गए थे और फ़िर वहां से हाथों में बैनर और प्ले कॉर्ड लेकर नारे लगाते हुए छोटा शिमला स्थित सचिवालय की ओर विरोध जलूस निकाला। मज़दूरों ने पुलिस के रोकने पर सड़क पर बैठ कर दो घंटे तक धरना दिया और जनसभा आयोजित की।

श्रम मंत्री ने दिया मजदूरों को आश्वासन दिया

इसके बाद यूनियन के प्रतिनिधिमंडल ने श्रम मंत्री श्री धनी राम शांडिल से मुलाकात करके उन्हें ज्ञापन सौंपा। श्रम मंत्री ने आश्वासन दिया कि मजदूरों के रोके गए आर्थिक लाभों को तुरन्त जारी कर दिया जाएगा। इस बाबत एक सप्ताह के भीतर कामगार कल्याण बोर्ड की बैठक आयोजित करके इस सन्दर्भ में उचित निर्णय लिया जाएगा।

सरकार ने मनरेगा मज़दूरों के लाभ रोक दिये-  जोगिंद्र कुमार

गौरतलब है कि सुक्खू सरकार ने शपथ ग्रहण के दूसरे दिन ही प्रदेश के साढ़े चार लाख मज़दूरों को राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड से मिलने वाली सहायता राशी और उनके बोर्ड में पंजीकरण व नवीनीकरण पर रोक लगा दी है जिसके ख़िलाफ़ मज़दूर यूनियन ने विरोध प्रदर्शन किया। फेडरेशन के राज्य अध्यक्ष जोगिंद्र कुमार एवं महासचिव भूपेंद्र सिंह ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में सीएम सुक्खू की अगुआई में बनी कांग्रेस पार्टी की सरकार ने अपने शपथ ग्रहण से अगले ही दिन यानी 12 दिसंबर 2022 को जारी अधिसूचना के माध्यम से मनरेगा मज़दूरों के लाभ रोक दिये हैं और 8 फ़रवरी को जारी एक गैर कानूनी अधिसूचना के बाद भवन निर्माण मज़दूरों का पंजीकरण व नवीनीकरण भी रोक दिया है जिसके चलते पिछले छः माह से बोर्ड का काम पूर्ण रूप में बन्द है।

3 साल के लंबित लाभ जारी करने का हो गया था फैसला- जोगिंद्र कुमार

उन्होंने बताया कि मज़दूर फेडरेशन ने इस बारे मुख्यमंत्री उनके सलाहकार श्रम विभाग और बोर्ड के सचिव बोर्ड के अध्यक्ष बगैरह से पिछले तीन महीनों में मुलाकात करके मज़दूरों के लाभों को बहाल करने की मांग की लेक़िन अभी तक ये रोक हटाई नहीं गई है जिसके चलते अब मज़दूरों को शिमला आकर विरोध प्रदर्शन करना पड़ रहा है। हालांकि 3 अप्रैल को आयोजित बोर्ड बैठक में पिछले तीन साल के लंबित लाभ जारी करने बारे फ़ैसला हो गया था लेकिन उसे अभी तक लागू नहीं किया गया है।

 

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