इंडिया न्यूज, शिमला :
Sanjay Chauhan Demand : भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने रूस व यूक्रेन के बीच युद्ध के चलते यूक्रेन में फंसे विद्यार्थियों को लेकर गंभीर चिंता जताई है।
सीपीएम ने मांग की है कि केंद्र सरकार तुरंत कूटनीतिक कदम उठाकर यूक्रेन व रूस सरकार से अधिकारिक रूप से बातचीत के माध्यम से वहां फंसे सभी छात्रों को सुरक्षित वापिस भारत लाने के संजीदगी से हरसंभव प्रयास करे।
माकपा के राज्य सचिव मंडल के सदस्य संजय चौहान कहा कि केंद्र सरकार यूक्रेन के भारतीय दूतावास को वहां के विभिन्न शहरों व बार्डरों पर फंसे छात्रों को सहयोग के लिए सक्रियता से कार्य करने के आदेश जारी करें ताकि उन्हें वहां से शीघ्र सुरक्षित निकाला जा सके और वहां पर उन्हें मूलभूत आवश्यकताओं का संकट न हो।
उन्होंने कहा कि यूक्रेन में लगभग 20 हजार से अधिक भारतीय विद्यार्थी विभिन्न शहरों के विश्वविद्यालय में मेडिकल व अन्य विषयों की पढ़ाई करते हैं।
विभिन्न माध्यमों से खबरों के अनुसार आज भी 15,000 से अधिक विद्यार्थी यूक्रेन के विभिन्न शहरों व बार्डर पर वतन वापसी का इंतजार कर रहे हैं लेकिन युद्ध के चलते रूस की सेना द्वारा हमलों की तीव्रता बढ़ने से अब संकट गंभीर होता जा रहा है और इन छात्रों के पास भोजन, पानी, दवाओं जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की कमी के कारण मानसिक प्रताड़ना बढ़ रही है।
संजय चौहान ने कहा कि रूस ने कीव व खरखोव शहरों पर हमले तेज कर दिए हैं जिससे इन शहरों से युद्ध के चलते आवाजाही बिल्कुल भी संभव नहीं है।
आज खरखोव शहर जहां युद्ध तेजी से बढ़ रहा है, में 1,500 से अधिक भारतीय छात्र फंसे हैं। वहां जैसे-जैसे युद्ध बढ़ रहा है, इनमें दहशत का माहौल है क्योंकि वहां से बाहर निकलने के लिए किसी भी प्रकार के परिवहन की व्यवस्था उपलब्ध नहीं है और दूतावास ने भी एडवाइजरी जारी कर यही सलाह दी है।
उन्होंने कहा कि सरकार को यूक्रेन दूतावास को तुरंत निर्देश देने चाहिएं कि खरखोव व अन्य शहरों में फंसे विद्यार्थियों के लगातार संपर्क में रहें और इनके भोजन, पानी, दवाओं आदि मूलभूत आवश्यकताओं को उपलब्ध करवाने के उचित प्रबंध करे।
साथ ही इनको बाहर निकालने के लिए भी परिवहन की शीघ्र व्यवस्था कर इन्हें शीघ्र भारत वापिस लाने के लिए प्रयास तेज किए जाएं।
माकपा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश से भी सैंकड़ों विद्यार्थी अभी भी यूक्रेन में फंसे हैं। प्रदेश सरकार विदेश मंत्रालय से इन्हें सुरक्षित वापिस लाने के लिए संजीदा प्रयास करे तथा जिन छात्रों को वहां पर मूलभूत आवश्यकताओं की कमी है, उन्हें दूतावास के माध्यम से हरसंभव कदम उठाने के लिए प्रयास करें क्योंकि जैसे-जैसे युद्ध लंबा खींचने के संभावनाएं बढ़ रही हैं तो वहां फंसे छात्रों के पास साधनों का भी अभाव हो रहा है और परेशानी बढ़ रही है। Sanjay Chauhan Demand
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