India News (इंडिया न्यूज़), Bilaspur News, Himachal: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर के मंगरोट में धर्मशाला-शिमला हाईवे पर भूमि मालिक एक बार फिर अपनी दुकान सजाएगा। उसने प्रशासन से एक सप्ताह में हाईवे में निकली अपनी भूमि को वापस मांगा है। भूमि मालिक ने यह भी चेताया है कि यदि हाईवे पर लगी उसकी दुकान जोर जबरदस्ती से हटाई गई तो वह मार्ग पर निजी टोल प्लाजा लगाएगा और आने जाने वाले वाहनों से टोल वसूलेगा। भूमि मालिक ने इस संबंध में उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, एडीएम, अधिशासी अभियंता को पत्र स्पीड पोस्ट कर दिया।
अवैध रुप से किया कब्जा
बता दें कि मंगरोट में हाईवे की आठ बिस्वा भूमि स्थानीय राजन कांत की मां के नाम निकली है। राजन कांत ने विभागीय अधिकारियों को लिखे पत्र में बताया है कि मंगरोट में उसकी मां के नाम 15 बिस्वा भूमि है, जिसमें से करीब 8 बिस्वा जमीन पर लोक निर्माण विभाग ने हाईवे निकाल कर अवैध कब्जा किया है। इसकी पुष्टि हाल ही में प्रशासन की ओर से गई निशानदेही में हो चुकी है। विभाग ने इसके बदले में कोई मुआवजा नहीं दिया है और न ही उस जमीन का कोई अधिग्रहण किया है।
व्यव्साय का मांगा जरिया
पिछले साल दिसंबर में हाईवे किनारे लगा उसका खोखा भी प्रशासन ने उठा दिया। इससे उसके सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। इसलिए निर्णय लिया है कि अगर एक सप्ताह में प्रशासन और लोक निर्माण विभाग उसे व्यवसाय करने के लिए किसी स्थान की उपलब्धी नहीं कराएगे या फिर कोई मुआवजा नहीं देंगे तो वह हाईवे में ली गई अपनी भूमि पर रेहड़ी या खोखा लगाकर अपना व्यवसाय शुरू कर देगा। यदि पुलिस और प्रशासन ने रेहड़ी और खोखे को उठाकर ले जाते हैं तो वह राजन प्राइवेट टोल प्लाजा लगाएगा। इसके रेट में तय कर दिए गए हैं।
क्या है पूरा मामला?
पिछले साल दिसंबर में उच्च न्यायालय के आदेश पर मंगरोट में राजमार्ग के किनारे से भूमि मालकिन सीता देवी के बेटे राजन कांत शर्मा के खोखे को हटाया गया। इसके बाद से यह भूमि विवाद शुरू हो गया। राजन कांत शर्मा ने तब राजमार्ग उसकी भूमि से होकर गुजरने का दावा कर उस पर खोखा लगा दिया, जिसे हटाने में प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। मामले कोई परिणाम नहीं निकले पर राजन कांत ने मार्च में फिर सड़क पर खोखा लगा दिया। तब प्रशासनिक अधिकारियों ने निशानदेही करने का आश्वासन पर राजन कांत ने खोखा हटाया था। इसके बाद निशानदेही की गई, जिसमें राजमार्ग की आठ बिस्वा भूमि निजी पाई गई।