होम / पहाड़ों पर क्यों फट रहे हैं बादल, हिमाचल में 35 से ज्यादा बादल फटने की घटनाएं

पहाड़ों पर क्यों फट रहे हैं बादल, हिमाचल में 35 से ज्यादा बादल फटने की घटनाएं

• LAST UPDATED : July 25, 2023

हिमाचल में इस बार मॉनसून से जमकर तबाही मचाई है जिसके चलते प्रदेश में अब तक 150 से ज्यादा लोग अपनी जान गवां चुके हैं और प्रदेश सरकार को 5 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक हिमाचल में जून-जुलाई में 35 से ज्यादा घटनाएं बादल फटने की हुई हैं और 60 के करीब लैंडस्लाइड हुए। ये सिलसिला लगातार जारी है। बादल फटने से नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है और मैदानी इलाकों में लगातार बाढ़ के हालात बने हुए हैं।

इंडिया न्यूज से बातचीत करते हुए मौसम विभाग शिमला के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि मात्र चार दिनों में 7 जुलाई से 11 जुलाई के बीच मानसून का 30 फीसदी हिस्सा बरस गया जिसके चलते पहाड़ों पर जल प्रलय आया। पहाड़ों पर अब तक 102 फीसदी ज्यादा बारिश हो चुकी है। म़नसून सीजन में 511 मिमी बारिश अब तक हो चुकी है सामान्य तौर पर प्रदेश में 293 मिमी के करीब ही बारिश होती थी। प्रदेश में 27 जुलाई तक येलो अलर्ट जारी है, साथ ही सुरेंद पाल ने बताया कि पहाड़ों पर ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करना होगा, सड़कों और पुलों को आधुनिक और साइंटिफिक रुप से तैयार करना होगा।

वहीं YS परमार विश्वविद्यालय में साइंटिस्ट मोहन सिंह जांगड़ा ने इंडिया न्यूज़ से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश में जो लगातार बादल फटने की घटनाएं हो रही हैं उसके पीछे मानसून और पश्चिमी विक्षोभ एक बड़ा कारण है । कुल्लू मनाली में इस बार बादल फटने की घटनाएं ज्यादा हुईं और ऐसे हालात कई सालों में कभी कभार होते हैं।

वरिष्ठ पर्यावरणविद कविता अशोक ने इंडिया न्यूज़ से बात करते हुए चिंता जताते हुए कहा कि विकास के नाम पर हमने पहाड़ों का जो नाश किया है, पेड़ों को काटा जा रहा है उस पर लगाम लगनी चाहिए, अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए हम वातावरण से खिलवाड़ कर रहे हैं और आपदा आने पर कई जानें जाती हैं औऱ कई हजार करोड़ का चूना सरकारों को लगता है। साथ ही कविता अशोक ने बताया कि हम पहाड़ों पर घूमने जाते हैं औऱ वहां पर फन के नाम पर वातावरण को दूषित करते हैं प्लास्टिक का कचरा जहां मन हो वहां फेंक कर आ जाते हैं हमें ये फन कल्चर बदलना होगा और स्कूलों में पर्यावरण को लेकर बच्चों को जागरूक करने की जरूरत है।

SHARE
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox