India News (इंडिया न्यूज़), Shimla News, Himachal: सेब सीजन के दौरान बागवानों की उपज मंडियों तक आसानी से पहुंचाना सरकार के लिए चुनौती बन गया है। प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहे सेब उत्पादक क्षेत्रों के 23 मंडलों में 374 सड़कें बंद हैं। सड़कें बहाल करने के लिए 592 मशीनें लगाई गई हैं। मुख्यमंत्री के आदेशों पर अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग को सड़क बहाली के काम में निगरानी के लिए नोडल अधिकारी बनाया गया है। सेब उत्पादक क्षेत्रों के रामपुर मंडल में सबसे अधिक 60 और कुमारसैन में 38 सड़कें बंद हैं। मंडी, बंजार, कुल्लू और मनाली में 12 पुलों को नुकसान पहुंचा है, 9 पुल पूरी तरह बह गए हैं। सडकें बहाल करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया है। 23 मंडलों में 592 जेसीबी, टिपर, रोबोट और ट्रैक्टरों की मदद से सड़कें बहाल की जा रही हैं।
रोहड़ू मंडल के तहत 18, जुब्बल की 21, कुल्लू मंडल 27, कोटखाई 25, चौपाल 34, डोडरा क्वार 3, थलोट 17, रामपुर 60, कुमारसैन 38, सिराज 14, निरमंड 25, काजा 1, ठियोग 12, कड़छम 15, करसोग 1, मंडी मंडल 1, बंजार मंडल 33, उदयपुर 4, मनाली मंडल 23, राष्ट्रीय राजमार्ग शिमला सर्कल में 1 (एनएच 305), राष्ट्रीय राजमार्ग सर्कल शाहपुर में 1 (एनएच 154 ए) बंद है। प्रदेश के सेब उत्पादक क्षेत्रों में करीबन 36 पुल क्षतिग्रस्त और 16 पुल पूरी तरह से बह गए है। सड़कें बंद होने से करीब 1022 करोड़ का नुकसान हुआ है।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी द्वारा बताया गया कि सेब उत्पादक क्षेत्राें में सड़कों को बहाल करने तथा उनकी मरम्मत करने के लिए युध्द स्तर पर काम किया जा रहा है। संबंधित विभाग से मुख्यमंत्री रोजाना रिपोर्ट ले रहे हैं। सरकार का प्रयास है कि सेब का एक-एक दाना मंडियों तक पहुंचे और बागवानों को परेशानी न झेलनी पड़े।