India News (इंडिया न्यूज़), Shimla News, Himachal: हिमाचल प्रदेश की ये बेटी जन्म के बाद पांच घंटे तक जमीन में दफन रही और आज पूरे देश में कालबेलिया नर्तकी के नाम से जानी जाती है। 165 देशों का भर्मण कर चुकी इस नर्तकी ने अपने जीवन में बहुत से संर्घष देखे है, परंतु फिर भी कभी पीछे नहीं हटी। आपको बतादें की हम यहां बात कर रहे है पद्मश्री गुलाबो सपेरा की। आकाशवाणी शिमला की ओर से गेयटी थियेटर में आयोजित लोक संगीत सभा में पद्मश्री गुलाबो सपेरा भाग लेने पहुंची। वहां इन्होंने कहा की जन्म के तुरंत बाद इन्हें मिट्टी के गड्ढे में दफना दिया गया था। परंतु इनकी मां और मौसी ने अपनी समझदारी से इन्हें गड्ढे से जिंदा बाहर निकाला।
पद्मश्री गुलाबो सपेरा का जन्म राजस्थान के कालबेलिया समुदाय में हुआ था। वहां के लोग बेटी का जन्म एक अशुभ संकेत मानते है। लेकिन, जैसे ही इनकी मां को पता चला की इन्हें गड्ढे में दफनाया गया है, वे तुरंत इनकी मौसी के साथ वहां पहुंची और इन्हें जिंदा बाहर निकाला।
गड्ढे से बाहर आते ही इनकी सांस फिरसे चलने लगी। जिसके बाद गुलाबों ने अपने पिता के साथ घुमकर सपेरा डांस सिखा। ये इनकी मेहनत और लगन का ही तीजा है जो आज ये अपनी कला के लिए देशभर में जानी जाती है। उन्हें रास्थान सरकार द्वारा भी काफी सहायता मिली जिसके जरीए उन्होंने अपनी नृत्यकला को सुधारा।
आज इन्हें कालबेलिया नृत्य के अविष्कार के रूप में जाना जाता है। वर्ष 2016 में उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति ने पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया। गुलाबो सपेरा ने कहा कि चौथी बार प्रस्तुति देने के लिए वह शिमला आई हैं। वह शिमला में आकर पहाड़ों के बीच शांति महसूस करती हैं। आगे जब भी शिमला आने का मौका मिलेगा तो वह जरूर आएंगी। संवाद
गुलाबो देश-विदेश में भी अपनी कला का प्रदर्शन कर चुकी हैं। इतना ही नहीं, वह कुछ बॉलीवुड फिल्मों में काम कर चुकी हैं। इनमें बंटवारा, गुलामी, क्षत्रिय, अजूबा सहित अन्य फिल्में शामिल हैं। गुलाबो सपेरा टीवी के सबसे चर्चित रियलिटी शो बिग बॉस में भी आ चुकी हैं। गुलाबो बिग बॉस-5 में बतौर कंटेस्टेंट हिस्सा ले चुकी हैं।
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