India News (इंडिया न्यूज़), Sirmour News, Himachal: हिमाचल में हुआ एक चमत्कार। गोविंद सागर जिले के लठियाणी-मंदली घाट पर पानी में पत्थर तैरता नजर आया है। पुलिस पेट्रोलिंग के दौरान जवानों को यह पत्थर दिखा और उसे उठा कर थाने ले आए। इस की पत्थर की खबर सुन भीड़ देखने उमड़ रही हैं। कहा जा रहा है कि इसका वजन करीब पौने तीन किलो का है।
सूत्रों की माने तो थाना बंगाणा के एएसआई रविंद्र होमगार्ड तिलक टीम सहित गोविंद सागर झील के लठियाणी-मंदली घाट पर गुरुवार को देर शाम दौरे के दौरान पहुंचे। जहां उन्होंने देखा कि यह पत्थर मैं तेरा था इसे देख सभी जवान हैरान हो गए।
जवान पत्थर को उठाकर बंगाणा के थाने ले आए। थाने में जब इस पत्थर को एक बाल्टी पानी में डाला गया तो यह उसमें भी तैरने लगा जिसका पता चलते ही सभी आसपास के लोग थाने में उस पत्थर को देखने पहुंचे शुक्रवार को थाने में इस चमत्कारी पत्थर को देखने के लिए बहुत भीड़ उमड़ी जब सभी लोगों के सामने उस पत्थर का भजन नापा गया तो वह करीबन 2:45 किलो का पाया गया कुछ लोगों का कहना है कि पत्थर रामसेतु से जुड़ा हुआ है।
थाना बंगाणा के एएसआई रविंद्र ने बताया दौरा करते समय झील के लक्ष्मण घाट परस पत्थर को पानी में तैरते हुए देखा था। उनका कहना है कि वे उस पत्थर को थाना ले थाने ले आए। उन्होंने थाने में पत्थर को बाल्टी में तैराया और इसके तैरने के पीछे का रहस्य पता करने की कोशिश करें परंतु असफल रहे।
आईआईटी मंडी एसोसिएट प्रोफेसर डॉ वेंकेट उदय आना है कि यदि हम इसे वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो कहीं पत्थरों की संरचना ऐसी होती है शिबू ऊपर से ठोस और अंदर से खोखले होते हैं यही वजह है कि यह वायु से भरे रहते हैं और डूबते नहीं है वही बहुत सालों तक जंगल में पड़ी लकड़ियों जैसी के ऊपर भी पत्थर जैसी ही एक परत बन जाती है ऊपर से ऊपर से पत्थर हो जाते हैं और अंदर से लकड़ी जैसी संरचना ही रहती है जिस कारण पानी में तैरने लगती हैं।
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