India News (इंडिया न्यूज़), Shweta Negi, Himachal: राठौर के बयान से सियासी हलचल तेज़ हिमाचल प्रदेश में सरकार, संगठन और कार्यकर्ताओं में काफी लंबे समय से रोष चला आ रहा है ऐसा राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है. पहले तो इस मुद्दे पर सांसद प्रतिभा सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी अब पार्टी के वरिष्ठ नेता कुलदीप सिंह राठौर का भी बड़ा बयान सामने आया है. राठौर का कहना है कि मैं लंबे समय तक पार्टी का अध्यक्ष रहा हूं, संगठन का व्यक्ति हूं. राठौर ने कहा कि जब हम विपक्ष में थे, ऐसे बहुत से कार्यकर्ता हैं जिन्होंने विपक्ष में रहकर काम किया. और पार्टी सत्ता में इन्हीं कार्यकर्ताओं की वजह से आई है. कोरोना के समय में भी कार्यकर्ताओं ने बहुत मेहनत की. जिन कार्यकर्ताओं की वजह से पार्टी सत्ता में आई है ऐसे कार्यकर्ताओं की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए. राठौर ने कहा कि सत्ता में आने के बाद जो मान्यता पार्टी के कार्यकर्ताओं को मिलनी चाहिए थी वो नहीं मिल रही है. सरकार और मुख्यमंत्री को इस विषय पर गंभीरता से विचार करना चहिए.
सवाल इस मुद्दे पर कई बनते हैं कि क्या हिमाचल कांग्रेस में सब ठीक है. एक एक करके विपक्ष सरकार को लगातार क्यों संगठन और सरकार के मुद्दे पर घेर रहा है. चिंगारी होगी तभी तो आग वहां तक पहुंची. इस विषय को भी PWD मंत्री के दिल्ली दौरे से जोड़ना लाजमी है. हिमाचल को लेकर ये भी कहा जाता है कि CM सुक्खू की ‘बॉस’ असंतुष्ट है. जानकारी के लिए बता दें वीरभद्र सिंह और सुखविंदर सिंह सुक्खू के सियासी रिश्ते कभी भी मधुर नहीं रहे. दोनों नेताओं की तल्ख़ियां रह-रहकर सामने आती ही रहती थी. अब जब सुखविंदर सिंह सुक्खू को हिमाचल प्रदेश के मुखिया की कमान मिली है, तब भी यह तल्खी कम होती हुई नजर नहीं आ रही.
अब तो सभी विपक्षी नेता संगठन और सरकार के मुद्दे पर कांग्रेस सरकार को जोरों शोरों से घेर रहे हैं. भले ही सीएम सुक्खू प्रतिभा सिंह को अपना बॉस बताती हों. लेकिन प्रतिभा सिंह सीएम सुक्खू से खुले तौर पर अपना असंतोष जाहिर कर रही हैं. प्रतिभा सिंह भले ही सीधे तौर पर नहीं कह रहीं पर उनके आव-भाव सब बयान कर रहे हैं. फिलहाल 2024 का लोकसभा चुनाव सिर पर है. सभी पार्टियां इसमें मशगूल हैं. जेपी नड्डा ने 2024 चुनाव के लिए अपनी टीम तैयार कर दी है. वो बात अलग है कि 2024 की टीम में हिमाचल के एक भी नेता का नाम शामिल नहीं है. वहीं विपक्ष भी मुंबई में एकजुट होने जा रहा है. पटना, बेंगलुरु के बाद ये विपक्ष का तीसरा महाजुटान होगा.