India News (इंडिया न्यूज़), AIIMS Bilaspur, Himachal: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बिलासपुर के प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ विभाग में सितंबर से लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की सुविधा मिलना शुरू होगी। जिसके लिए एम्स के ओबीजी विभाग में लेप्रोस्कोपिक सेट स्थापित करने का काम शुरू हो गया है। विभाग में इस समय छह विशेषज्ञ तैनात हैं।
एम्स में सीनियर और जूनियर रेजिडेंट के 183 पद हैं। इनमें 50 सीनियर रेजिडेंट और 50 जूनियर रेजिडेंट के पद स्वीकृत हैं। जूनियर रेजिडेंट के सभी पद भरे हैं। सीनियर के 21 ही पद भरे गए हैं। बाकी पद खाली हैं। एम्स में गेस्ट्रोलॉजी को छोड़ सभी विभागों की ओपीडी शुरू कर दी गई है। इस कारण प्रदेश के लोगों को पीजीआई के चक्कर काटने से राहत मिली है।
अब सितंबर से ओबीजी विभाग में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी शुरू होने से मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। बताते चलें कि प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान में करीब छह माह पहले प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ विभाग के लेबर रूम ने काम करना शुरू कर दिया था। इसमें स्त्री रोग से संबंधित नियमित और आपातकालीन सिजेरियन, कैंसर सर्जरी और सर्वाइकल कैंसर और अन्य घातक कैंसर की जांच की जाती है।
इसके साथ ही विभाग में प्रसूति और स्त्री रोग अल्ट्रासाउंड भी किए जा रहे हैं। प्रदेश की जनता को बेहतर सुविधाएं देने के लिए एम्स का प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ विभाग एक और कदम आगे बढ़ने जा रहा है। इसमें स्त्री रोग विभाग में जल्द ही लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की सुविधा मिलना शुरू हो जाएगी।
इसके लिए आधुनिक उपकरण एम्स पहुंच चुके हैं। विभाग इन्हें स्थापित कर रहा है। इसके अलावा कुछ माह में कोलपोस्कोपी एंड डायरेक्ट सर्जरी शुरू करने की भी योजना है। इससे महिलाओं के गर्भाशय में होने वाले कैंसर का पता लगाया जाता है और अत्याधुनिक तकनीक से सर्जरी से इलाज किया जाता है।
इसके अलावा जून तक एमनियोसेंटेसिस, जेनेटिक परीक्षण शुरू होने की संभावना है। इसमें गुणसूत्र की असमान्यताओं का पता लगाया जाता है। साथ ही इन विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन भी शुरू होगा। अभी यह तय नहीं है कि यह सब कब तक शुरू होगा और कब से यह सुविधा मिलेगी।
एम्स में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की सुविधा शुरू करने के लिए लेप्रोस्कोपिक सेट स्थापित करने का काम शुरू हो गया है। सितंबर से संस्थान में ओबीजी विभाग के मरीजों को लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की सुविधा मिलना शुरू हो जाएगी।- डॉ. दिनेश वर्मा, एमएस एम्स बिलासपुर
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