संवाददाता जितेंद्र ठाकुर: नाहन में रियासत काल से मोहर्रम पर ताजिये निकालने की परम्परा है। मोहर्रम पर हजरत मोह्हमद के नवासों के बलिदान को याद लिया जाता है। मोहर्रम के चालीसवें पर नाहन में चेहलम का ताजिया भी निकाला जाता है। इसमें ताजिये को सजाकर जामा मस्जिद तक ले जाया जाता है और उसके साथ मातम मनाते चलते हैं लोग। इसी कड़ी में आज नाहन में चेहलम का ताजिया निकाला गया जिसमे बड़ी ंसख्या में मुस्लिम लोगो ने भाग लिया। वैसे मोहर्रम को शिया मुस्लिम मनाते हैं लेकिन नाहन में परम्परा अनुसार सुन्नी मुस्लिम ताजिये निकालते हैं।
अंजुमन इस्लामिया नाहन के सदर बॉबी एहमद ने बतायाकि रियासतकालीन परम्परा के अनुसार नाहन में ताजियर निकाले जाते हैं और आज मोहर्रम के चालीसवें पर चेहलम का ताजिया निकाला जा रहा है। इसको शिया मुस्लिन मनाते हैं पर नाहन में सुन्नी मुस्लिम यह परम्परा निभा रहे हैं।