India News (इंडिया न्यूज़), Himachal News: हिमाचल प्रदाश में आई प्राकृतिक आपदा से हिमाचल सरकार ने सबक लेते हुए फैसला किया कि अब प्रदेश में पानी के पाइप तथा सीचांई के लिे बनाई गई नहरें अंडरग्राउंड होगी।ऊना जिला, हमीरपुर और कांगड़ा में पायलट तौर पर प्रोजेक्ट का काम शुरू होगा। उसके बाद प्रदेश के अन्य जिलों में भी इस तकनीक को अपनाया जाएगा। हिमाचल सरकार द्वारा इस प्रोजेक्ट पर 50 करोड़ रुपए खर्च होने का अंदाजा लगाया गया है।
हिमाचल में प्राकृतिक आपदा के चलते लोक निर्माण विभाग को 2,118.97 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। पेयजल स्रोतों और पानी के भंडारण से घरों को जाने वाले पानी के पाइप टूट गए। सिंचाई योजना से खेतों के लिए बनाई गईं नहरें भी मिट्टी में तबाह हो गईं।
अब जल शक्ति विभाग को नए सिरे से इन्हें बनाने का काम शुरू करना पड़ रहा है। विभाग का कहना है कि पेयजल लाइनें डेढ़ फीट जमीन के नीचे से ले जाई जाएंगी। पाइपों की रिपेयर के लिए डक बनाए जाएंगे। इसी तरह सिंचाई नहरों को भी कवर्ड किया जाएगा, ताकि इन्हें नुकसान न पहुंच सके।
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि बाढ़ के चलते जल शक्ति विभाग को करोड़ों का नुकसान हुआ है। कई जगह अस्थायी तौर पर स्कीमों को चालू किया गया है। स्कीमों की मरम्मत जारी है। पानी के पाइपों को अंडर ग्राउंड करने का फैसला लिया गया है।