India News (इंडिया न्यूज़), Himachal News: कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा अमेरिका से आयात हो रहे सेब पर आयात शुल्क 35 से घटाकर 15 प्रतिशत करने का फैसला रकिया गया है। यह प्रदेश के बागवानों के साथ अन्याय है। अब अमेरिका का सेब सस्ता मिलेगा और हिमाचल का सेब महंगा हो जाएगा। इससे यहां के सेब की खरीद भी कम हो जाएगी। प्रियंका ने केंद्र सरकार से इस शुल्क को दोबारा बढ़ाने की मांग उठाई है। वह मंगलवार को मंडी जिला के द्रंग विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले आपदा प्रभावित देवरी गांव का दौरा करने बाद पत्रकारों से प्रश्नों का जवाब दे रही थीं।
प्रियंका ने कहा कि हिमाचल में उनका घर है और वह यहां अपनों का दुख बांटने आईं हैं। प्रदेश सरकार प्रभावितों की हरसंभव मदद कर रही है। सड़कों, हाईवे और फोरलेन का नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई करना केंद्र सरकार का दायित्व है। केंद्र सरकार भी प्रदेश को आर्थिक मदद मुहैया करवाए और इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे। इससे काफी राहत मिलेगी। कई चीजें जिन्हें केंद्र सरकार कर सकती है और आपदा की घड़ी में केंद्र सरकार को आगे आना चाहिए। इसके लिए अपील भी की गई है। प्रियंका ने कहा कि प्रधानमंत्री से आग्रह है कि आपदा के समय प्रदेश के साथ राजनीति न करें। उनके साथ मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू, पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर, पूर्व मंत्री एवं जिलाध्यक्ष प्रकाश चौधरी और अन्य मौजूद रहे।
On Central Govt's decision to relax 20% customs duty on apples imported from the US, Congress General Secretary Priyanka Gandhi Vadra says, "…This will make the import (of American apples) easy and they will be sold easily. Prices of procurement of apples in Shimla have been… https://t.co/tTjfHdVgIi
— ANI (@ANI) September 12, 2023
वहीं, कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत द्वारा नई दिल्ली में प्रेेसवार्ता के समय कहा गया कि हिमाचल में 10 हजार करोड़ रुपए तक का अनुमानित नुकसान हुआ है, जहां जीडीपी की लगभग 14 प्रतिशत सेब बागानों से आता है।आज वहां के लोगों को मदद की जरूरत है, लेकिन पीएम मोदी वाशिंगटन सेब पर आयात शुल्क कम करके पांच लाख से अधिक बागवानों के साथ अन्याय कर रहे हैं। जब पीएम मोदी प्रधानमंत्री नहीं थे तो कहते थे कि हिमाचल उनका दूसरा घर है और वाशिंगटन सेब पर 100 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया जाएगा। लेकिन जब वे पीएम बने तो रिपोर्टों के मुताबिक जी20 के दौरान केंद्र सरकार ने फैसला लिया कि वाशिंगटन के सेब पर केवल 15 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया जाएगा, जो कभी 70 प्रतिशत था।
#WATCH | Congress leader Supriya Shrinate says, "…There has been an estimated loss of Rs 10 thousand crore in Himachal Pradesh, where about 14% of the GDP comes from apple orchards…Today the people there need help, but PM Modi is doing injustice to more than 5 lakh apple… pic.twitter.com/NXbJkXLSeh
— ANI (@ANI) September 12, 2023
प्रदेश कांग्रेस महासचिव रितेश कपरेट ने आयात शुल्क बढ़ाने के फैसले को हिमाचल के बागवानों से धोखा करार दिया है। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर हिमाचल सरकार आपदा की इस स्थिति में प्रदेश के हर वर्ग के लोगों का ध्यान रख रही है, वहीं लोकप्रिय मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बागवानों का ध्यान रखते हुए डेढ़ रुपये समर्थन मूल्य बढ़ाया है। सरकार ने पूर्व में समर्थन मूल्य महज 25 और 50 पैसा बढ़ाया है।
केंद्र सरकार से आग्रह है कि इस निर्णय पर पुनर्विचार किया जाए। कपरेट ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू ने किलो के हिसाब से सेब खरीदने का भी ऐतिहासिक फैसला बागवानों के हितों को ध्यान में रखकर लिया है। प्रदेश सरकार का दृढ़ संकल्प यह भी दर्शाता है कि बागवानों का सेब समय पर बाजार पहुंचाने के सीएम ने आदेश दिए, जिस पर अमल हुआ।
वहीं, अमेरिकी सेब पर 15 फीसदी आयात शुल्क के आरोपों से हिमाचल के बागवानों में हड़कंप मच गया है। बागवानों का कहना है कि अगर ऐसा होता है तो हिमाचल में सेब बागवानी तबाह हो जाएगी। मंगलवार को कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग की अध्यक्ष सुप्रिया श्रीनेत ने दिल्ली में दावा किया कि जी-20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने निर्णय लिया है कि वाशिंगटन एप्पल पर सिर्फ 15 फीसदी आयात शुल्क लगेगा।
#WATCH Congress leader Supriya Shrinate says, "…When PM Modi was not the Prime Minister he used to say that Himachal is his second home & 100% import duty will be imposed on the Washington apples. But when he became the PM, according to the reports during the G 20 the central… pic.twitter.com/bVBjCbGqou
— ANI (@ANI) September 12, 2023
जून में पीएम मोदी ने आयात शुल्क 70 से घटा कर 50 फीसदी कर दिया था। इस आरोप के बाद बागवानों में चिंता बढ़ गई है। हिमाचल के प्रीमियम क्वालिटी सेब से वाशिंगटन एप्पल की सीधी स्पर्धा होती है। अगर वाशिंगटन एप्पल पर आयात शुल्क घटा दिया जाएगा तो यह देश के बाजारों में सस्ता बिकेगा, जिससे हिमाचली सेब को अच्छे दाम नहीं मिलेंगे।
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