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Cabinet Decision: हिमाचल सरकार बिजली बेचने तथा खरीदने के लिए करेगी ट्रेडिंग डेस्क निर्माण

• LAST UPDATED : September 15, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Cabinet Decision, Himachal: हिमाचल प्रदेश में आगामी वित्त वर्ष से बिजली को बेचने और खरीदने का काम ट्रेडिंग डेस्क के माध्यम से होगा। 31 मार्च 2024 तक बिजली बोर्ड, ऊर्जा निदेशालय और पावर कॉरपोरेशन पूर्व की तरह अलग-अलग ही यह काम करते रहेंगे। बिजली से आय बढ़ाने को सरकार ने एक अप्रैल 2024 से अलग-अलग एजेंसियों की जगह एक ट्रेडिंग डेस्क बनाने का फैसला लिया है। गुरुवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। ट्रेडिंग डेस्क को स्थापित करने का जिम्मा ऊर्जा निदेशालय को सौंपा गया है। निदेशालय की ओर से इस बाबत निजी कंपनियों से टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे।

एक साल में बिकती है 1354.57 मेगावाट बिजली 

प्रदेश में स्थित 95 जल विद्युत परियोजनाओं के माध्यम से साल भर में 1354.57 मेगावाट बिजली को बेचा जाता है। इस बिजली को बेचकर सालाना करीब 1,000 करोड़ रुपये की आय सरकार को होती है। नई व्यवस्था से सरकार को आय बढ़ने की संभावना है। ट्रेडिंग डेस्क के माध्यम से हिमाचल की बिजली को बाजार में बेचा जाएगा। वर्तमान में देश भर में बिजली की मांग के अनुरूप ही उसके दाम मिलते हैं। रोजाना बिजली की बोली लगती है, जब मांग अधिक होती है तो बिजली महंगी दरों पर बिकती है। अभी तक तीन एजेंसियां अलग-अलग यह काम करती रही हैं। इससे कई बार मौका मिलने के बाद भी बिजली सस्ती दरों पर बिक जाती है। जिससे निपटने के लिए सरकार द्वारा ट्रेडिंग डेस्क का निर्माण करने का फैसला लिया गया है।

सौर परियोजना स्थापित करने पर होगी नेट बिलिंग, ग्रास मीटिरिंग

प्रदेश सरकार ने स्वर्ण जयंती ऊर्जा नीति-2021 में संशोधन को स्वीकृति देते हुए इसमें नेट बिलिंग और ग्रास ग्रास मीटिरिंग को भी शामिल कर दिया है। अब घरेलू उपभोक्ताओं अलावा उद्योगपति और आवासीय कालोनियों की छत पर भी सौर ऊर्जा परियोजनाओं को स्थापित किया जा सकेगा। प्रदेश में बिजली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है। इसके तहत छत पर परियोजना लगाने वाले जहां अपने प्रयोग के लिए बिजली इस्तेमाल कर सकेंगे वहीं आवश्यकता से अधिक ऊर्जा को बेच भी सकेंगे। सरकार की ओर से ऐसे स्थानों पर लगी परियोजनाओं को ग्रिड से जोड़ा जाएगा। टू वे मीटर लगाकर अतिरिक्त बिजली की एवज में सरकार की ओर से पैसा दिया जाएगा।

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