India News (इंडिया न्यूज़), Bilaspur News, Himachal: क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में एक मरीज की किडनी बायोप्सी की गई है। किडनी बायोप्सी अभी तक पीजीआई चंडीगढ़, आईजीएमसी शिमला और एम्स में ही संभव थी। प्रदेश में यह पहला मौका है जब किसी जिला स्तर के अस्पताल में किडनी बायोप्सी की गई हो। क्षेत्रीय अस्पताल में एमडी मेडिसिन डॉ. नरेश चौहान ने पुरुष मरीज की सफल किडनी बायोप्सी की। आम तौर पर बायोप्सी बड़ी यूनिट में होती है।
डॉ. नरेश चौहान ने इस जटिल काम को क्षेत्रीय अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर में कर दिखाया है। साधारण भाषा में समझा जाए तो जिस मरीज की किडनी खराब है या फिर कम काम कर रही है। जिसके उपचार के लिए बायोप्सी कर बीमारी का सही पता लगाया जाता है। जिससे आगे का इलाज सही समय के साथ-साथ सही तरीके से शुरू किया जा सके। इस प्रक्रिया में अल्ट्रासाउंड से स्क्रीन को देखते हुए किडनी में सुई डाल कर कुछ पार्ट निकाला जाता है।
इसे प्रयोगशाला में टेस्ट के लिए भेजा जाता है। इस टेस्ट की रिपोर्ट आने पर उपचार करना आसान हो जाता है। मरीज को भी शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के अवसर कई गुना बढ़ जाते हैं। डॉ. नरेश चौहान द्वारा इस कार्य को क्षेत्रीय अस्पताल मेें करके एक बड़ी उपलब्धि हासिल की गई। इस कार्य में डॉ. नरेश चौहान के साथ स्टाफ नर्स मोनिका ठाकुर, मंगला और अनुराधा कश्यप ने भी मदद की।
डॉ. नरेश चौहान हमीरपुर जिले के टौणीदेवी के रहने वाले हैं। उन्होंने मरीज की सफल किडनी बायोप्सी कर अन्य किडनी रोग से पीड़ित लोगों के लिए उम्मीद के द्वार खोले हैं। डॉ. नरेश चौहान ने आईजीएमसी शिमला के नेफ्रोलॉजी विभाग में तीन साल सेवाएं दी हैं।
बायोप्सी बड़ी यूनिट में होती थी, लेकिन डॉ. नरेश चौहान ने इस काम को क्षेत्रीय अस्पताल में कर बहुत बेहतर काम किया है। जिला अस्पताल और तमाम मेडिकल स्टाफ इस कार्य की सराहना करता है। – डॉ. सतीश शर्मा, चिकित्सा अधीक्षक